और महंगी होगी बिजली

जालन्धर, 5 जनवरी (शिव शर्मा) : पहली जनवरी से राज्य के खप्तकारों को 30 पैसे प्रति यूनिट महंगी बिजली का झटका लगने के बाद अप्रैल महीने में भी महंगी बिजली दरों का सामना करना पड़ सकता है। पावरकाम ने 11151 करोड़ के करीब रकम का घाटा पूरा करने के लिए पंजाब बिजली अथारिटी कमिशन के पास जो याचिका दाखिल की थी, उससे कमिशन द्वारा 23 जनवरी को राज्यभर के ज़ोनों में खप्तकारों, औद्योगिकों संगठनों के साथ मीटिंग शुरू होने जा रहा है। अप्रैल में लागू होने वाली नई दरों का ऐलान मार्च के महीने में किए जाने की संभावना है। पावरकाम के पास दाखिल की गई याचिका पर फैसला देने से पहले कमिशन ज़ोन कार्यालयों में जाकर खप्तकारों के ऐतराज, सुझाव प्राप्त करता है। पावरकाम ने 1400 करोड़ की अदायगी करने के लिए 30 पैसे बिजली महंगी करने का फैसला पहली जनवरी को लागू कर दिया है जबकि पिछले वर्ष के पड़े घाटे को दूर करने और बिजली उत्पादन के खर्चे बढ़ने के कारण इस बार 13 फीसदी बिजली महंगी करने की मांग की थी। चाहे पावरकाम ने करीब 70 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी करने की सिफारिश की है पर यह संभावना जाहिर की जा रही है कि 30 पैसे प्रति यूनिट बिजली पहले ही महंगी हो चुकी है तो पावरकाम को 20 से 25 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी करने की मंजूरी मिल सकती है। पावरकाम का पिछले वर्षों का घाटा 7700 करोड़ का है जबकि ताज़ा अंतर 3451 करोड़ का बताया गया है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी पावरकाम के पास अधिक बिजली रहेगी पर उसकी खप्त करने के लिए पावरकाम के पास इस समय ग्राहक नहीं है, जिस कारण उसको पड़ रहे वार्षिक घाटा भी महंगी बिजली दरों में शामिल की जाता है। पावरकाम को इस वर्ष 1400 करोड़ की अदायगी करने के कारण ही अधिक मुश्किल का सामना करना पड़ा है। औद्योगिक संगठन कई बार यह मांग कर चुका है कि पावरकाम चाहे तो फैक्ट्रियों को और सस्ती बिजली देकर अपना घाटा घटा सकता है क्योंकि उसके पास अधिक बिजली मौजूद रहती है। अगर वह सस्ती बिजली देता है तो इससे उसकी जी.एस.टी. वसूली में भी बढ़ावा होगा। पंजाब बिजली अथारिटी कमिशन ने चाहे 23 से राज्यभर में औद्योगिक संगठनों के नेताओं के साथ बातचीत करनी है पर उनकी लम्बे समय से सस्ती बिजली देने की मांग पूरी नहीं की जा सकी है। जिससे यह बिजली चाहे अधिक खप्त करने वाली फैक्ट्रियों को सस्ती पड़ती है पर राज्य में अधिकतर छोटी फैक्ट्रियों को यह बिजली 10 रुपये प्रति यूनिट से मिल रही है। इससे उनके लिए बिजली और भी महंगी हो जाएगी।