दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम

दिल्ली में देश की प्रसिद्ध जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में रविवार की शाम को जो कुछ हुआ है, वह बेहद गम्भीर है। जिस तरह हिंसा का नंगा तांडव कुछ दर्जन नकाबपोश गुण्डों द्वारा यूनिवर्सिटी कैम्पस में किया गया वह बेहद घिनौना भी है और समाज के सामने कई सवाल खड़े करने वाला भी है। यदि शिक्षा के मंदिरों में ऐसा कुछ होने लगा है तो यह समाज के लिए खतरे की घंटी होगा। इन नकाबपोश गुण्डों ने छात्राओं को भी अपने रोष का निशाना बनाया। अध्यापक भी इनसे बच नहीं सके। कई होस्टलों में दाखिल होकर उन्होंने खिड़कियों के शीशे तोड़े और दरवाज़ों को तोड़ने का भी प्रयास किया। बहुत सारे सांझे कमरों की पूरी तरह तोड़-फोड़ की गई। दर्जनों ही छात्र इस मारपीट में घायल हो गए तथा जे.एन.यू. छात्र यूनियन की अध्यक्ष आयशी घोष को भी चोटें लगीं। अफसोस इस बात का है कि दो घंटे तक यूनिवर्सिटी में यह वहशी तांडव चलता रहा। यह दोष लगाये जा रहे हैं कि पुलिस आने के बाद भी मूकदर्शक बनकर यह सब कुछ देखती रही। यहां तक कि अध्यापकों ने यह सीधा दोष लगाया है कि यह सब कुछ यूनिवर्सिटी के उप-कुलपति की सहमति से हुआ है। दूसरी तरफ उप-कुलपति ने यह बयान दिया है कि कई सप्ताहों से कुछ यूनियनबाजों ने पढ़ाई के माहौल को खराब करके रखा है, और रज़ामंद छात्रों को उनके द्वारा पढ़ने नहीं दिया जा रहा, जिस कारण यह सारे हालात बिगड़े हैं। गत लगभग दो महीनों से इस यूनिवर्सिटी के छात्र फीसों की वृद्धि को लेकर हड़ताल पर हैं, जिस कारण वहां का कार्य और पढ़ाई पूरी तरह ठप्प होकर रह गई है। केन्द्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन बिल पास करवाने के बाद उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी तथा दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में बड़ा आंदोलन शुरू  हुआ, जो अब देश की बहुत सारी बड़ी यूनिवर्सिटियों में फैलता दिखाई दे रहा है, जिससे समूचा माहौल बेहद दूषित हुआ नज़र आता है। इस यूनिवर्सिटी में वामपंथी तथा भाजपा से संबंधित छात्र यूनियनें इस हिंसा के लिए एक-दूसरे पर दोष लगा रही हैं। राजनीतिक पार्टियां भी एक-दूसरे के साथ उलझती दिखाई देती हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता ने सरकार की जर्मनी के नाजियों से तुलना की है। दूसरी तरफ भाजपा नेताओं ने कांग्रेस तथा वामपंथियों पर यह दोष लगाया है कि वह जानबूझ कर शिक्षा संस्थानों को राजनीतिक अखाड़े बनाने में सहायक हो रही हैं। हम इस हुए घटनाक्रम को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण समझते हैं। इसकी हर हालत में निष्पक्ष जांच करवाई जानी चाहिए। इस निंदनीय घटना को अंजाम देने वाले व्यक्तियों को चाहे वह किसी भी गुट से जुड़े हों, कड़ी सज़ाओं के भागीदार बनाया जाना चाहिए। हम देश भर में बिगड़ रहे इस समूचे माहौल के लिए मोदी सरकार को ज़िम्मेदार समझते हैं, जो हो रहे ऐसे घटनाक्रम को प्रभावशाली ढंग से रोकने में असफल रही है, जिससे दिन-प्रतिदिन देश भर का माहौल बिगड़ता भी जा रहा है और तनावपूर्ण भी बनता जा रहा है, जो अंत में समूचे समाज के लिए नुक्सानदायक साबित होगा।

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द