हरियाणा की ज़िला अदालतें करेंगी अब हिन्दी में कामकाज

हरियाणा की जिला अदालतों व न्यायिक प्राधिकरणों में अब अदालती कामकाज हिन्दी में होगा। इस बारे हरियाणा कैबिनेट की नए साल में हुई पहली बैठक में फैसला लिया गया। वकीलों के साथ-साथ हिन्दी को बढ़ावा देने वाली संस्थाएं भी निरंतर मांग कर रही थीं कि जिला अदालतों में कामकाज हिन्दी में किया जाए ताकि आम लोगों को अदालती कामकाजी प्रक्रिया की आसानी से समझ आ सके। कई विधायकों ने भी इस बारे में मांग उठाई थी। आखिरकार यह बात सिरे चढ़ गई और राज्य मंत्रिमंडल ने इस बारे में फैसला ले लिया। 
इस फैसले के बाद अब हाईकोर्ट में भी हिन्दी में कामकाज को लेकर मांग उठने लगी है। पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट दोनों राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की संयुक्त हाईकोर्ट है इसलिए हाईकोर्ट में कामकाज हिन्दी में हो या पंजाबी में अथवा दोनों भाषाओं में किया जाए, इसको लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है। फैसले के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने साफ किया कि हरियाणा के राज्यपाल राष्ट्रपति की सहमति लेकर इस बारे निर्णय कर सकते हैं। सरकार ने प्रदेश के राज्यपाल को राष्ट्रपति से सहमति लेने का आग्रह किया है। हाईकोर्ट के फैसलों को हिन्दी में अनुवाद करके उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया जा सकता है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने माना कि पंजाब की जिला अदालतों में कई साल पहले से ही पंजाबी में कामकाज हो रहा है लेकिन हरियाणा ने इस मामले में फैसला लेने में काफी देर कर दी। 
दुष्यंत इनेलो में होते तो सीएम होते
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व इनेलो प्रमुख चौधरी ओमप्रकाश चौटाला इन दिनों दो सप्ताह के लिए फरलो पर तिहाड़ जेल से बाहर आए हुए हैं। दो हफ्ते की अपनी फरलो के दौरान वह प्रदेश मेें इनेलो को मजबूत करने के लिए सभी जिला मुख्यालयों में जाकर पार्टी कार्यकर्त्ताओं से मिलकर इनेलो को मजबूत बनाने के लिए प्रोत्साहित करने में लगे हैं। पिछले लोकसभा व विधानसभा चुनाव में इनेलो का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। पार्टी के ज्यादातर विधायक व नेता इनेलो छोड़ गए, जिसके चलते लोकसभा चुनाव में इनेलो का कोई भी प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा पाया और विधानसभा चुनाव में इनेलो सिर्फ ऐलनाबाद की सीट जीत पाई थी। 
अब पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला पार्टी कार्यकर्त्ताओं को कह रहे हैं कि वे इनेलो छोडकर जा चुके कार्यकर्त्ताओं को समझा-बुझाकर वापस पार्टी में लाएं। वह अपनी हर बैठक में अपने पौत्रे व हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के बारे में भी एक बात कहते हैं कि दुष्यंत अगर इनेलो में होते तो आज मुख्यमंत्री होते जबकि दुष्यंत को भाजपा सरकार में मात्र उप मुख्यमंत्री पद ही मिला है। यह बात पिछले कई दिनों से निरंतर अखबारों में सुर्खियां बनी हुई है। कई दिनों तक दुष्यंत ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन बार-बार पत्रकारों के इस बारे सवाल पूछने पर दुष्यंत ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए इतना ही कहा कि हमने इनेलो छोड़ी नहीं थी, हमें इनेलो से निकाला गया था। अगर मुख्यमंत्री बनाना था तो पार्टी से क्यों निकाला गया। उल्लेखनीय है कि डॉ. अजय सिंह चौटाला व दुष्यंत चौटाला को इनेलो से निष्कासित किए जाने के बाद उन्होंने जननायक जनता पार्टी का गठन किया और पहले ही विधानसभा चुनाव में जजपा को न सिर्फ मान्यता प्राप्त पार्टी का दर्जा मिला, बल्कि जजपा के 10 विधायक जीतने के कारण दुष्यंत चौटाला उप-मुख्यमंत्री भी बन गए। दूसरी तरफ इनेलो की तरफ से अकेले अभय चौटाला ही विधायक बन पाए हैं। 
कुंडू बनाम ग्रोवर
बलराज कुंडू रोहतक जिले के महम विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं और इस समय प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को समर्थन दे रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने प्रदेश के पूर्व सहकारिता मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता मनीष ग्रोवर पर न सिर्फ करोड़ों रुपए के घोटालों के आरोप लगाए बल्कि यह आरोप भी लगाया कि प्रदेश में हिंसक हुए जाट आन्दोलन को भड़काने का काम भी पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर ने किया था। बलराज कुंडू पहले भाजपा में हुआ करते थे और महम से विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा टिकट न मिलने पर वह नाराज होकर भाजपा छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़े और चुनाव जीतकर भाजपा सरकार को समर्थन दे रहे हैं। भाजपा ने निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह को कैबिनेट मंत्री और 4 अन्य निर्दलीय विधायकों को महत्वपूर्ण निगमों का चेयरमैन बना रखा है। बलराज कुंडू व एक अन्य निर्दलीय विधायक अभी तक मंत्री व चेयरमैन पद से वंचित हैं। कुंडू और ग्रोवर दोनों रोहतक जिले से संबंध रखते हैं और दोनों के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। कुंडू ने रोहतक की सड़कों के टैंडर से लेकर चीनी मिलों के शीरे तक के मामले में ग्रोवर पर गंभीर आरोप लगाए। 
उन्होंने सिटी थाने की जमीन पर बनने वाले मॉल को लेकर पूर्व सहकारिता मंत्री पर करोड़ों रुपए के घोटाले करने का आरोप लगाया और इन सभी मामलों की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की। कुंडू ने कहा कि अगर ग्रोवर के खिलाफ लगे आरोपों की सीबीआई जांच न करवाई गई तो वह सरकार को दिया गया समर्थन वापस भी ले सकते हैं। कुंडू के इन आरोपों से परेशान मनीष ग्रोवर ने  पलटवार करते हुए कहा कि पहले बलराज कुंडू इस बात का ब्यौरा तो दें कि उनके पास 7000 करोड़ रुपये की संपत्ति कहां से आई है। उन्होंने कुंडू को आड़े हाथों लेते हुए यहां तक कह दिया कि अगर उन्होंने सरकार से समर्थन वापस लेना है तो ले लें, उन्हें रोका किसने है। भाजपा से जुड़े रहे निर्दलीय विधायक व भाजपा के पूर्व मंत्री के बीच चल रहे आरोपों-प्रत्यारोपों से भाजपा की खूब जग-हंसाई हो रही है। 
नए जिलाध्यक्ष नियुक्त करेगी कांग्रेस
हरियाणा मेें कांग्रेस का पिछले 6 सालों से न तो संगठन खड़ा हो पाया है और न ही पार्टी की जिला व हल्का इकाइयों का गठन हो पाया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर के बीच चलती रही तनातनी के कारण कांग्रेस पार्टी प्रदेश में अपने संगठन की इकाइयां गठित नहीं कर पाई थी जिसके चलते पार्टी का संगठनात्मक ढांचा पूरी तरह से चरमरा गया था। हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांगे्रस आला कमान ने भूपेंद्र हुड्डा को कांग्रेस विधायक दल का नेता व नेता प्रतिपक्ष बनाने के साथ-साथ अशोक तंवर के स्थान पर राज्यसभा सांसद कुमारी शैलजा को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया था। इस बदलाव से विधानसभा में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर हुआ और 2014 में 15 सीटें जीतने वाली कांग्रेस ने 2019 के विधानसभा चुनाव में 31 सीटें जीती थीं। 
अब कुमारी शैलजा के नेतृत्व में जिला स्तर पर बैठकें शुरू कर नए सिरे से जिला अध्यक्षों की नियुक्तियों को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। शैलजा का कहना है कि इस बार जिला अध्यक्षों के लिए सूची बंद कमरे में नहीं बल्कि कार्यकर्त्ताओं के बीच ही तैयार होगी और कार्यकर्त्ताओें में से ही किसी को जिला अध्यक्ष चुना जाएगा। उनका कहना है कि इसके लिए तीन लोगों का पैनल बनाया जाएगा और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित पार्टी के सभी दिग्गज नेताओं की सहमति से ही नए जिलाध्यक्ष घोषित किए जाएंगे।   
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