बेअदबी हमारी सरकार में हुई और दोषी नहीं पकड़े जा सके : ढींडसा

चंडीगढ़, 7 जनवरी (विक्रमजीत सिंह मान): शिरोमणि अकाली दल के विधायक दल के नेता के पद से इस्तीफा देने के बाद परमिंदर सिंह ढींडसा ने अकाली दल व चंडीगढ़ में कुछ पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि बेअदबी हमारी सरकार में हुई थी और दोषी नहीं पकड़े जा सके और अकाली दल का सबसे बड़ा नुक्सान प्रदेश में हुई बेअदबी की घटनाओं के कारण ही हुआ। उन्होंने इस मौके पार्टी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की अध्यक्षता व हाल ही मेें चुने पार्टी के विधायक दल के नेता के चयन पर भी सवाल उठाए। इसके अलावा उन्होंने यहां तक भी कहा कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे परंतु मजबूरन चुनाव लड़ना पड़ा। हालांकि उन्हाेंने डेरा प्रमुख की माफी बारे कोई भी जानकारी होने से स्पष्ट इन्कार कर दिया। 
विगत से चुप्पी धारण कर बैठे परमिंदर सिंह ढींडसा ने पार्टी बारे खुली बातें करते हुए कहा कि पार्टी अध्यक्ष के चयन के लिए जो प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए थी उसे नज़रअंदाज़ किया गया और अब विधायक दल के नेता के चुनाव बारे भी फैसला ले लिया गया, जबकि यह विधायक दल की बैठक बुलाकर लिया जाने वाला फैसला था। उन्होंने कहा कि दल के नेता के पद से इस्तीफा देने से पहले उनकी सुखबीर सिंह बादल व बिक्रम सिंह मजीठिया के साथ बात हुई थी और उन्होंने अपने स्टैंड बारे उन्हें अवगत करवा दिया था कि वह अपने पिता के फैसलों व राय से इत्तफाक रखते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने अपने पिता से सियासत सीखी और आज उनके कारण ही सियासत में इस मुकाम पर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि उनके (परमिंदर सिंह ढींडसा) पिता ने भी कोई विरोधी बात नहीं की बल्कि पार्टी के फायदे के लिए अपनी अच्छी राय हमेशा पार्टी को दी, परंतु यदि पार्टी के हित में अच्छी राय देने वाले को विरोधी की नज़र से देखा जाता है तो बुरी बात है। उन्होंने कहा कि पार्टी में अधिकतर फैसले बारे अधिकतर नेताओं के साथ विचार-विमर्श नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि आज पार्टी का हर नेता व कार्यकर्त्ता जानता है कि अकाली दल में बड़े सुधार की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि जिन सिद्धांतों को लेकर पार्टी चलती आई है अब उन सिद्धांतों को पीछे छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी पर से लोगों का विश्वास टूट चुका है जिसे दोबारा बनाने की ज़रूरत है। उन्होंने पार्टी में अनुशासन की कमी बताते हुए कहा कि वह अपने पिता के साथ खड़े हैं। ढींडसा ने कहा कि अब पार्टी में संकट बढ़ गया है गलती सभी से होती है, गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी हुई है चाहे अकाली दल ने नहीं की कार्रवाई, परंतु अकाली सरकार में हुई है। उन्होंने कहा कि मेरे सुखबीर सिंह बादल व मजीठिया के साथ अच्छे संबंध रहे हैं परंतु हमारी लड़ाई सैद्धांतिक है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह अकाली दल को पार्टी में रहकर ठीक करने का प्रयास करेंगे।