पी.एस.आई.ई.सी. प्लाटों के घपले में एफ.आई.आर. की मांग पर नोटिस जारी

चंडीगढ़, 9 जनवरी (सुरजीत सिंह सत्ती) : पंजाब स्टेट इंडस्ट्रियल एक्सपोर्ट कार्पोरेशन (पी. एस. आई. ई. सी.) के अधिकारियों द्वारा कार्पोरेशन के पंजाब में अलग-अलग स्थानों पर तीन दर्जन से अधिक प्लाटों की अलाटमैंट अपने नज़दीकी रिश्तेदारों और दोस्तों को अलाट करने के घप्पले के कारण सरकारी खज़ाने को लगे करीब 8 करोड़ 72 लाख रुपये के मामले में एफ.आई.आर. दर्ज कर जांच करने की मांग करते एक याचिका में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आर.एस.झा और जस्टिस अरूण पल्ली की डिवीज़न बैंच ने पंजाब सरकार और कार्पोरेशन को नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है। अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी। चंडीगढ़ के पूर्व भाजपा कौंसलर सतिंदर सिंह ने दाखिल लोकहित याचिका में कहा है कि इस घप्पले की जांच ए.आई.जी. विजीलैंस ब्यूरो ने की थी और जांच में प्राथमिक तौर पर सामने आया था कि पी.एस.आई.ई.सी. के जी.एस. जसविंदर सिंह रंधावा, उसके मासी के बेटे विनय प्रताप सिंह, रंधावा की पत्नी गुरप्रीत कौर, रंधावा के गांव के पारिवारिक सदस्य परमिंदर कौर, रंधावा के साले के दोस्त केवल सिंह, रंधावा के साले सुखराज सिंह, दमनप्रीत सिंह, अवतार सिंह, सुखपाल सिंह संधू, रमनप्रीत सिंह, जसमीत सिंह, गुरमेल सिंह, गगनदीप कौर, कार्पोरेशन के जी.एस. (इस्टेट), इस्टेट अधिकारी अमरजीत सिंह काहलों, सीयिनर सहायक विजय गुप्ता, कंसलटैंट दर्शन गर्ग और एस.डी.ओ. सवतेज सिंह इस घपले के लिए जिम्मेवार है कहा कि विजीलैंस की रिपोर्ट उपरांत  सी.जे.एस. ने सलाह दी थी कि उक्त व्यक्तियों को अधिकारियों विरुद्ध कानूनी कार्रवाई निश्चित की गई और विभाग ने सी.जे.एस. विरुद्ध ही कार्रवाई की और कार्पोरेशन ने अधिकारियों विरुद्ध सिर्फ विभागीय अनुशासकीय जांच खोल दी गई।