पतंगों के शौकीनों पर कहीं भारी न पड़ जाए चाइना डोर

मोगा, 10 जनवरी (गुरतेज सिंह/सुरिन्दरपाल सिंह) : बसंत ऋतु के नजदीक आते पतंगें उड़ाने के शौकीन बड़ी स्तर पर पतंगें उड़ा कर अपना मनोरंजन करते हैं। चाहे कि बसंत पंचमी 30 जनवरी को होने के कारण पतंगें उडाने का रिवाज पूरी तरह समूचे देश में गर्माया हुआ है। पिछले लंबे समय से ही देश अंदर बिक रहे चाईनामेड समान ने जहां भारत की अर्थ व्यवस्था को भी नुक्सान पहुंचाया था वहीं देश के प्रधानमंत्री नरिन्दर मोदी ने भी चिंतित हो कर चाईनामेड समान की बिक्री पर रोक लगा दी थी। लेकिन इस के बावजूद भी चाईना मेड समान भारत में बिक रहा है। यदि बात करें चाइना की बनी डरैगन चाईना डोर की तो यह डोर भारत में खतरनाक साबत हो रही है। लेकिन इस के बावजूद भारत में व खासकर पंजाब में यह चाइना डोर बिना भय से जोरों से बिक रही है। इस चाइना डोर कों खतरनाक ढंग के साथ अलग-अलग संथैटिक केमिकल इस्तेमाल कर तैयार किया जाता है और पतंग उडाने के शौकीन एक दूसरे की पतंग काटने के लिए चाइना डोर को अपनी पहली पसंद मानते हैं। लेकिन कई बार पतंग के शौकीनों के लिए यह डोर उस समय भारी पड़ जाती है जब वह पतंग काटने के लिए इस डोर को खींचते हैं तब यह खतरनाक डोर उन के हाथों को काट कर हाथों को जख्मी कर देती है और जब यह डोर किसी राहगीर व्यक्ति के गले में पड़ जाए तब यह गले को भी काट देती है और हर साल इस डोर के साथ हादसे घट रहे हैं। जब कि इस डोर के साथ व्यक्ति ही नहीं यह डोर बेजुबान पक्षियों पर भी भारीपड़ जाती है क्योंकि यह डोर उन को भी अपनी चपेट में ले कर जख्मी ही नहीं करती बल्कि कई पक्षियों की मौत भी हो जाती है। चाहे कि राज्य में श्री अमृतसर साहब और फिरोज़पुर को पतंग उड़ाने में एक नंबर पर माना जाता है, लेकिन हर नौजवान ही बसंत पंचमी के दिनों में पतंग उड़ाते हैं और चाइना डोर ईस्तेमाल करते हैं। यदि आने वाले समय में चाइना डोर की बिक्री पर सख्ती से नकेल न लगाई गई तब इस के नतीजे भयानक होते रहेंगे। क्योंकि पाबंदी के बावजूद भी चाइना डोर जोरों से बिक रही है।