जल्द आने वाले हैं इंटरव्यू लेने वाले रोबोट

एक दशक भर की देर है नौकरियों की चयन प्रक्रिया में मशीनों का दाखिला होने वाला है। रोबोट लेंगे साक्षात्कार और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के जरिये होगा सर्वोत्तम उम्मीदवार के चयन का फैसला। भविष्य में नौकरियों के लिये साक्षात्कार रोबोट लेगा। यह अनुमान नहीं,तकरीबन तय है। स्वीडन, ब्रिटेन, अमरीका जैसे कई देशों में इसके सफलतापूर्वक प्रयोग से लगने लगा है कि शीघ्र ही हमारी नई पीढ़ी भी इस स्थिति का सामना करेगी। हमारे बेटे बेटियों को या फिर उनके बेटे-बेटियों को अपनी नियुक्ति प्रक्रिया में निश्चित ही किसी रोबोट साक्षात्कारकर्ता का सामना करना पड़ेगा। साक्षात्कारकर्ता रोबोट बनाने वाली एक कंपनी हायरवूई कहती है कि यह मशीनी हस्तक्षेप कर्मचारी चयन प्रक्रिया में मानवीय त्रुटियों, रंग, वर्ग, जाति या नस्ली भेदभाव और किसी खास के प्रति पसंदगी, दुराग्रह, आग्रह को खत्म करके, कार्यबल में वैविध्यता लायेगी। ईमानदारी और सक्षमता के साथ टीम पर भरोसा बढ़ेगा,उत्पादकता और कार्यस्थल का माहौल बेहतर होगा।  अमरीका ने इसकी शुरुआत की तो हायरवूई के अलावा भी कई कंपनियां आगे आ गयी हैं। सीवीसीएआई और अल्ली ओ के अलावा हिल्टन और आल स्टेटरोबोटिक भी नियुक्ति प्रक्रिया में मशीन का व्यवहार कर रही हैं। अमेरिकन कंपनी हायरवेयू ने अपने खास रोबोट को साक्षात्कार के लिये इस्तेमाल किया तो स्वीडन में एक हायर एजेंसी टीएएन ने टेंगाई नामक एक रोबोट इसी काम के लिये विकसित किया है। टेंगाई रोबोट एक मानवीय सिर सरीखा है जो प्रतिभागी से सवाल पूछता है, उनके हाव-भाव नोट करता है, उत्तरों को दर्ज करता है। अगले कुछ सालों में और भी भिन्न तरह के आंकड़े और सूचनाएं तथा ऐसे रोबोट उपलब्ध होंगे। जाहिर है तब कसौटियां और भी कड़ी और विस्तृत होंगी लेकिन परिणाम अब से कहीं ज्यादा सटीक और सार्थक निकलेंगे। मनोविज्ञानियों का भी कहना है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आधारित मशीन या रोबोट जिस तरह की कसौटियों पर उम्मीदवार को परखेगा, उस के जरिये आप किसी के बारे में वह सब जान सकते हैं जो उसका बायोडाटा कभी नहीं बतायेगा। रोबोटिक इंटरव्यूवर अकेले भी हो सकता है या फिर अलग-अलग विषयों के भिन्न मापदंडों पर और अलग दृष्टिकोण से परखने वाले विशेषज्ञों का असंदिग्ध निष्णात मशीनी साक्षात्कर्ताओं का समूह भी। साक्षात्कार देने वाला सामने बैठकर अथवा अपने फोन या लैपटॉप के जरिये कहीं से भी साक्षात्कार देगा। साक्षात्कार लेने वाले रोबोट में तमाम सूचनाओं के साथ यह भी निर्देश भरे होते  हैं उपयुक्त पद पर आदर्श उम्मीदवार कौन होगा। यह रोबोट या रोबोट समूह न सिर्फ  प्रतिभागी का ज्ञान, कार्य कुशलता, बल्कि आवाज, हाव-भाव, शारीरिक भाषा, बोली, आवाज, मुखमुद्रा और तमाम दूसरे मापदंडों को परखेंगे। साक्षात्कार लेने वाला रोबोट इस दौरान न सिर्फ  पूछे गये प्रश्नों के उत्तर की सत्यता जांचता है बल्कि यह भी कि उत्तर किन शब्दों में दिया गया, उस समय साक्षात्कार देने वाले की आवाज कैसी थी। उसमें कितना आत्मविश्वास झलक रहा था, कितना भय अथवा हिचकिचाहट। उसके चेहरे के हाव-भाव और शरीर की भंगिमा कैसी थी। पद के लिहाज से आवाज और व्यक्तित्व मेल खाता है कि नहीं। वैज्ञानिकों का कहना है कि चेहरे के उतार-चढ़ाव, भाव से कई तरह की भावनायें, चारित्रिक गुण-अवगुण तथा व्यवहारगत विशेषताओं का बोध होता है। मशीन कुछ हजार साक्षात्कार वीडियो का विश्लेषण  मिनटों में करती है। टेक्स्ट, सामग्री, वीडियो और ऑडियो अथवा आवाज को वह 25,000 निर्देशांकों पर परखती है और यह पूरा विश्लेषण महज 15 मिनट के भीतर करके अगले मिनट 1 से 100 के स्केल पर अपना परिणाम घोषित कर देती है। ये रोबो पद की मांग और अर्हता के बारे में सब कुछ जानते हैं। उनको चयन से संबंधित एक आदर्श और उचित मानक पहले से दिया गया होता है। वे साक्षात्कार देने वालों को महज ज्ञान ही नहीं, दूसरे आवश्यक मापदंडों पर भी परखते हैं। प्रतिभागी का चयन करना है अथवा नहीं, कुल प्रतिभागियों में इस प्रतिभागी की प्राथमिकता क्या होगी यह इसी से तय होगा। परीक्षणकर्ताओं को उम्मीद है कि अगले दो साल के भीतर इसमें और भी ज्यादा सुधार करके सभी जगहों पर लागू कर दिया जायेगा। तकनीकिज्ञों का मानना है कि 2022 तक यह ब्रिटेन और अमरीका में आम होगा। जाहिर है, पश्चिमी देशों का विकास बहुत तेजी से हम तक पहुंचता है सो इसमें कोई शक नहीं कि एक दशक के भीतर मशीनी साक्षात्कार भारत में भी आम हो जाये, इस दिशा में जो प्रयोग चल रहे हैं, खबरें आ रही हैं उससे प्रतीत होता है कि शीघ्र ही कोई भारतीय नियोक्ता इसे अपना सकता है। पिछले दिनों यूनीलीवर जैसी प्रख्यात बहुराष्ट्रीय कंपनी ने अपने कर्मचारियों की नियुक्ति के लिये रोबोट इंटरव्यूवर की सहायता ली। इसलिये अभी से इस बारे में तैयार रहने में ही भलाई है। अगले दशक के बाद नौकरियों के लिये प्रयास करने वाले अपनी तैयारी इसी तरह की रखें कि उनका साक्षात्कार कोई यंत्रमानव लेगा। नियोक्ताओं और उम्मीदवारों को भी यह बात आसानी से समझ में आ सकती है कि एआई यानी आर्टीफीशिएल इंटेलिजेंस अथवा कृत्रिम बुद्धिमत्ता के इस अनुप्रयोग से नियुक्तियों में भ्रष्टाचार समाप्त होगा और बेहतर पारदर्शिता आयेगी। भाई भतीजावाद पर प्रभावी रोक लगेगी और रिश्वतखोरी पर लगाम।  इसका प्रभाव दूरगामी होगा। यह देश की सरकारी और गैर सरकारी व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है। 

 -इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर