विश्वविद्यालयों में बिगड़ते माहौल के पीछे वाम समर्थक समूह

नई दिल्ली, 12 जनवरी (इंट) : विश्वविद्यालयों के कुलपतियों सहित 208 शिक्षाविदों ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  को पत्र लिख कर देश में बिगड़ते अकादमिक माहौल के लिए वामपंथी कार्यकर्ताओं के एक छोटे समूह को ज़िम्मेदार ठहराया है। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि हमारा मानना है कि छात्र राजनीति के नाम पर एक विध्वंसकारी धुर वाम एजेंडा को आगे बढ़ाया जा रहा है। जेएनयू से लेकर जामिया तक, एएमयू से लेकर जाधवपुर (विश्वविद्यालयों) तक परिसरों में हुई हालिया घटनाएं हमें वामपंथी कार्यकर्ताओं के एक छोटे समूह की शरारत के चलते बदतर होते अकादमिक माहौल के प्रति चौकन्ना करती हैं। बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय के कुलपति आर.पी. तिवारी, दक्षिणी बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति एचसीएस राठौर और सरदार पटेल विश्वविद्यालय के कुलपति शिरीष कुलकर्णी सहित अन्य शामिल हैं। इसे शैक्षणिक संस्थानों में वामपंथी अराजकता के खिलाफ बयान शीर्षक दिया है। 208 शिक्षाविदों के इस बयान को अकादमिक जगत में समर्थन जुटाने का शासन का प्रयास माना जा रहा है। वामपंथ की ओर सुझाव रखने वाले समूहों को आड़े हाथ लेते हुए बयान में कहा गया है कि वामपंथी राजनीति द्वारा थोपे गए सैंसरशिप के चलते जन संवाद आयोजित करना या स्वतंत्र रूप से बोलना मुश्किल हो गया है। बयान में कहा गया है कि इस तरह की राजनीति से सबसे  बुरी तरह से गरीब छात्र और हाशिये पर मौजूद समुदायों के छात्र प्रभावित हो रहे हैं।