रोज़गार के अवसरों में भारी गिरावट 

मुंबई, 13 जनवरी (भाषा) : अर्थव्यवस्था में सुस्ती से देश में रोज़गार सृजन बुरी तरह प्रभावित हुआ है चालू वित्त वर्ष में नई नौकरियों के अवसर एक साल पहले की तुलना में कम पैदा हुए हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष 2019-20 में इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में 16 लाख कम नौकरियों का सृजन होने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष में कुल 89.7 लाख रोज़गार के अवसर पैदा हुए थे। एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट इकोरैप के अनुसार असम, बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों में नौकरी मज़दूरी के लिए बाहर गए व्यक्तियों की ओर से घर भेजे जाने वाले धन में कमी आयी है। यह दर्शाता है कि ठेका श्रमिकों की संख्या कम हुई है। इन राज्यों के लिए मज़दूरी के लिए पंजाब, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में जाते हैं और वहां से घर पैसा भेजते रहते हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के आंकड़ों के अनुसार 2018-19 में 89.7 लाख नए रोज़गार के अवसर उत्पन्न हुए थे। चालू वित्त वर्ष में इसमें 15.8 लाख की कमी आने का अनुमान है। ईपीएफओ के आंकड़े में मुख्य रूप से कम वेतन वाली नौकरियां शामिल होती हैं जिनमें वेतन की अधिकत सीमा 15,000 रुपए मासिक है। रिपोर्ट में की गई गणना के अनुसार अप्रैल-अक्तूबर के दौरान शुद्ध रूप से ईपीएफओ के साथ 43.1 लाख नए अंशधारक जुड़े। सालाना आधार पर यह आंकड़ा 73.9 लाख बैठेगा।