उच्च् रक्तचाप इलाज और ध्यान ज़रूरी

हाईपरटेंशन यानी कि उच्च रक्तचाप की समस्या बहुत कामन हो गई है। अब तो यूथ भी इसकी गिरफ्त में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। हाई बी पी से दिल किडनी, दिमाग और आंखें प्रभावित होती हैं। एक नई स्टडी के अनुसार बड़े शहरों में तीन में से एक इंसान इससे प्रभावित है औरतें भी अछूती नहीं हैं इस समस्या से। हृदय रोग विशेषज्ञों के अनुसार  जब भी युवा महसूस करें कि उन पर काम का या वर्क प्लेस का दबाव बढ़ रहा है और उनका रूटीन उसके कारण बिगड़ रहा है तो उन्हें सावधान हो जाना चाहिए। उन्हें समझना चाहिए कि इसका सीधा प्रभाव उनके  स्वास्थ्य पर पड़ रहा है जो उनके लिए खतरे की घंटी है। हाई बी पी से हार्ट को एक्स्ट्रा वर्क करना पड़ता है। लगातार हाई बी पी से आर्टरीज़ भी डैमेज हो सकती हैं। इन सबसे धीरे धीरे हार्ट मसल्स मोटी हो जाती हैं और उन्हें ऑक्सीजन की सप्लाई अधिक चाहिए होती है।
हाई बी पी के कोई विशेष लक्षण नहीं होते। कई बार रोगी को सालों इसका आभास भी नहीं होता। बस कभी कभी सिरदर्द, थकान, आलस, श्वास लेने में कठिनाई होती है जिसे नजरअंदाज कर दिया जाता है। 30 वर्ष की आयु के बाद साल में एक बार ब्लड प्रेशर चैक करवा लेना चाहिए। अगर घर में कोई हाई बी पी से  ग्रस्त है तो साल में तीन चार बार चैक करवा लेना चाहिए।
 अपने लाइफस्टाइल में लाएं सुधार
*  अपने खान पान पर विशेष ध्यान दें। भोजन वही लें जो आपके हृदय को स्वस्थ रखे।
*  प्रतिदिन कम से कम आधा घंटा व्यायाम करें। चाहें तो एरोबिक व्यायाम कर सकते हैं या थोड़ा तेज भी चल सकते हैं।
*  स्मोकिंग को तुरंत बॉय बॉय कर दें।
*  अल्कोहल का सेवन बहुत सीमित कर दें। अधिक से अधिक दो पैग से ज्यादा न लें।
* नमक का सेवन अधिक से अधिक प्रतिदिन 1500 ही करें।
*  तनाव से बचें। तनाव को मैनेज करने के तरीके सीखें। योग और मेडिटेशन भी तनाव को कम करते हैं।
*  पानी खूब पिएं।
*  रेशेदार खाद्य पदार्थों का सेवन करें और लो फैट डाइट लें।
*  अपने वजन पर नियंत्रण रखें।
*  दिन में फ्रूट का सेवन अवश्य करें अगर आप हैल्दी हैं तो फ्रूट जूस न लें।
*  डॉक्टर द्वारा बताई दवाई का नियमित सेवन करें।

(स्वास्थ्य दर्पण)
- नीतू गुप्ता