एक्युप्रेशर से करें माइग्रेन का इलाज

सिरदर्द एक ऐसी समस्या है जिसका व्यक्ति आए दिन शिकार होता रहता है। यह रोग कभी-कभी स्वत: ठीक हो जाता है तो कभी-कभी दवा लेने के बाद भी जल्दी ठीक नहीं होता और रोगी को काफी दिनों तक परेशान होना पड़ता है।  माइग्रेन कई कारणों से होता है। यह कब्ज, पेट गैस, जिगर या पित्ताशय में गड़बड़ी, पुराना नजला जुकाम, गर्दन में रीढ़ की हड्डी के विकारग्रस्त होने, कान या दांत दर्द से होता है। नसों में खिंचाव, तिल्ली का बढ़ना, सिर में ट्यूमर, मानसिक अशांति, आंखों के रोग तथा निरंतर चिंता के कारण भी माइग्रेन होता है।  औषधियों द्वारा माइग्रेन को दूर नहीं किया जा सकता लेकिन एक्युप्रेशर द्वारा बिना किसी दवा के इस रोग को पूरी तरह दूर किया जा सकता है।एक्युप्रेशर एक चमत्कारिक चिकित्सा पद्धति है जिसमें हाथों तथा पैरों के कुछ विशेष केन्द्रों पर हाथ के अंगूठों से दबाव डालकर या मालिश करके कई रोगों को दूर किया जा सकता है। इन केन्द्रों का शरीर के विभिन्न आंतरिक अंगों से सीधा सम्पर्क होता है। यह चिकित्सा पद्धति एक आसान चिकित्सा पद्धति है जिससे बच्चे, बूढ़े, जवान सभी स्वयं अपना इलाज कर सकते हैं। इस पद्धति से उपचार करने से रोगी को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचता। इस पद्धति से माइग्रेन का उपचार करते समय सर्वप्रथम हाथों और पैरों के अंगूठों के साथ एक-दो मिनट का तथा उसके बाद दोनों हाथों के ऊपर त्रिकोन स्थान पर 2-3 मिनट तक मालिश के जैसा दबाव दिया जाता है। अटैक की हालत में इन केन्द्रों पर दबाव देने से दर्द कम हो जाता है या बिल्कुल दूर हो जाता है। हाथों और पैरों की अंगुलियों के चारों तरफ के केन्द्रों का मस्तिष्क से सीधा संबंध होता है और उन पर दबाव डालने से मानसिक तनाव दूर होता है। हाथों तथा पैरों के ऊपर मालिश करने के समान दबाव डालना चाहिए। एक्युप्रेशर द्वारा उपचार दिन में दो बार सुबह-शाम करना चाहिए। यदि सुबह-शाम उपचार देना संभव नहीं हो तो दिन में कभी भी दिया जा सकता है।

(स्वास्थ्य दर्पण)
-एम.बी. पहाड़ी