पंजाबी संस्कृति को ठेस पहुंचाने वाले गीत-संगीत से लोग बचें

जालन्धर, 17 जनवरी (रणजीत सिंह सोढी): गत समय दौरान लचर, अश्लील और हथियारों को प्रमोट करने वाले गीतों ने पंजाबी संस्कृति को ऐसी ठेस लगाई है कि आज परिवार में बैठ कर न तो गीत सुने जा सकते हैं और न ही देखे जा सकते हैं। इसी तरह बन रही अधिकतर फिल्में भी बहुत ही हलकी-फुलकी और हास्य तक ही सीमित हो कर रह गई हैं, जबकि संजीदा विषयों पर फिल्में बहुत कम बन रही हैं। यह विचार आज सी.टी. इस्टीच्यूट में ग्लोबल मीडिया अकादमी द्वारा चेयरमैन प्रो. कुलबीर सिंह के नेतृत्व में करवाई गई 5वीं विश्व पंजाबी मीडिया कान्फ्रैंस के अंतिम दिन फिल्मों और गीत-संगीत के क्षेत्र से जुड़ी प्रमुख शख्शियतों ने प्रकट करते हुए कहा कि पंजाबी फिल्मों और गीतों के क्षेत्र में आ रहे निघार को नकेल डालने के लिए लोगों को भी आगे आना पड़ेगा और उनको स्तरीय फिल्में और पारिवारिक संगीत के हक में आवाज़ बुलंद करनी पड़ेगी। कान्फ्रैंस के दूसरे दिन पंजाबी फिल्म व संगीत की दशा व दिशा विषय पर कार्रवाई विचार चर्चा में हिस्सा लेते हुए प्रसिद्ध पत्रकार सतनाम सिंह माणक ने कहा कि पंजाबी फिल्मों और गीत संगीत ने देश-विदेशों में मां बोली  पंजाब की शान बढ़ाई है और आज बालीवुड से लेकर विश्व भर में पंजाबी गीतों का बोलबाला है परन्तु पिछले समय दौरान पंजाबी संगीत क्षेत्र नीचे की तरफ जा रहा है। प्लाज़मा रिकार्डज़ के एम.डी. दीपक बाली ने कहा कि आज ज़रूरत ऐसी गायकी और फिल्मों की है, जो हमारी संस्कृति को प्रफुल्लित करने के साथ-साथ अमीर विरसे को संभाले और नौजवान पीढ़ी को रास्ता दिखाए। फिल्मों के प्रसिद्ध डायरैक्टर नवतेज संधू ने कहा कि ऐसे सिनेमा में व्यापारिक पक्ष भारी होने के कारण अच्छी फिल्में बनाने वालों को अनेक तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने लोगों को आह्वान किया कि वह अच्छी और स्तरीय फिल्मों को देखने के लिए आगे आएं। गायक कंठ कलेर ने कहा कि लोक अच्छी गायकी को पसंद करते हैं और इस काम के लिए गायकों की अपनी इच्छा शक्ति होना भी ज़रूरी है।  दूसरे सैशन में सोशल मीडिया-स्थिति और संभावनाएं विषय पर बोलते हुए प्रसिद्ध सोशल मीडिया माहिर सी.पी. कम्बोज ने कहा कि सोशल मीडिया के बेशक आज के समय में ताकतवर मीडिया है परन्तु इसके नाम पक्षीय प्रभावों के कारण इसकी योग्यता भी सवालों के घेरे में है। इस लिए उन्होंने लोगों को सुचेत होकर इसका इस्तेमाल करने के लिए कहा।