" नागरिकता कानून व एनआरसी के विरुद्ध "  मालेरकोटला में हज़ारों महिलाएं सड़कों पर उतरीं

मालेरकोटला, 18 जनवरी (कुठाला): केन्द्र द्वारा लागू किए जा रहे नागरिकता संशोधन कानून व एनआरसी के विरुद्ध आज मालेरकोटला की हज़ाराें महिलाओं ने एक बार फिर सड़कों पर उतरकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरहिंद गेट से कमल सिनेमा तक विशाल रोष मार्च किया। मालेरकोटला की महिलाओं द्वारा यह दूसरा विशाल रोष मार्च था। नागरिकता संशोधन कानून व एनआरसी के कारण अपने व अपने परिवारों के वर्तमान व भविष्य प्रति चिंतित बड़ी संख्या में महिलाएं भीषण सर्दी के बावजूद इस रोष प्रदर्शन में शामिल हुईं। इससे पूर्व 22 दिसम्बर को भी हज़ारों महिलाओं ने केन्द्र सरकार के खिलाफ सरहिंद गेट से सट्टा चौक तक रोष मार्च कर राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन एस.डी.एम. मालेरकोटला को सौंपा था। संविधान बचाव संघर्ष मोर्चा द्वारा एडवोकेट जाकिरा जाफरी व तानिया तब्बसुम सहित स्थानीय महिलाओं के प्रबंधों में शहर की बड़ी संख्या में महिलाएं पहले सरहिंद गेट के बाहर एकत्रित हुईं जहां से एक विशाल काफिला कमल सिनेमा की ओर रवाना हुआ। भारी सुरक्षा प्रबंधों में महिलाओं के इस काफिले को नैतिक समर्थन देने के लिए हज़ारों लोग सड़कों के आसपास व घराें व दुकानों की छतों से नारों का जवाब दे रहे थे। कमल सिनेमा के नज़दीक महिलाओं के विशाल समूह को सम्बोधित करते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी में कानून की छात्रा मिस स्वाति, दिल्ली से मानवाधिकारों की कार्यकर्त्ता जुलेखा जाबीन, पंजाब स्टूडैंटस यूनियन की उपाध्यक्ष हरदीप कौर, दिल्ली हाईकोर्ट से वकील तनवीर खान व हरशरण कौर ने कहा कि देश के जागदी ज़मीर वाले जुझारू लोग केन्द्र सरकार को नागरिकता संशोधन कानून व एनआरसी जैसे गैर संवैधानिक व साम्प्रदायक कानूनों को वापिस लेने के लिए मजबूर कर देंगे। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून व एनआरसी के ज़रिये केन्द्र की भाजपा सरकार देश के अल्पसंख्यकों को खौफज़दा कर हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहती है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने देश की विभिन्न यूनिवर्सिटयों के अंदर विद्यार्थियाें पर किए जा रहे पुलिस अत्याचार की घोर निंदा करते हुए कहा कि इस देश के इंसाफ पसंद लोगों का संघर्ष पुलसिया जब्र से नहीं दबाया जा सकता।