क्यों छाता है कोहरा ?

स्कूल की विशेष छुट्टियां घोषित होते ही राहुल ने अपनी मम्मी से कहा, मम्मी, हमें दादी के घर गांव ले चलिये। जाड़ों का मौसम है। हम खूब गन्ने खाएंगे जैसे पिछले साल खाये थे। उसकी मम्मी ने गांव जाने की बात मान ली। उसी दिन वह राहुल, मीनू और नन्हें टिंकू को लेकर गांव की ओर चल दी। शाम होने से पहले ही वे गांव पहुंच चुके थे।अगली सुबह राहुल अपने पंकज चाचा के साथ खेतों पर गया। दूर-दूर तक कुहरे के कारण कुछ भी साफ नहीं नजर आ रहा था। चाचा, यह इतना धुआं सा क्या है यहां राहुल ने पूंछा।इस बात पर चाचा ने हंसते हुए कहा बेटा यह धुआं नहीं, कोहरा है।  राहुल ने फिर पूछा-चाचा, यह कोहरा क्यों होता है?पंकज चाचा ने बताया ठंड के ज्यादा बढ़ जाने पर भूमि के पास ही धुएं और धूल के कणों के साथ वायु की जल वाष्प का संघनन होने लगता है। अधिक संघनन होने के कारण जमीन के निकट धुआं सा बन जाता है। इसे ही कोहरा कहते हैं। चाचा, यह बात तो समझ में आयी पर संघनन क्या होता है? यह बताइये। राहुल ने कहा। हां, तुम्हारी बात ठीक है राहुल। चाचा ने बताया बेटा संघनन उस क्रि या को कहते हैं जिसमें जलवाष्पन ठण्डा होकर द्रव में बदलने लगता है।’’अच्छा, यह बताओ चाचा, संघनन जाड़ों में ही होता है क्या? क्योंकि कोहरा तो जाड़ों में ही आता है न- राहुल ने फिर जिज्ञासा प्रकट की। बेटा संघनन हर मौसम में होता है। इस पर ताप का प्रभाव पड़ता है। कम ताप पर संघनन अधिक और अधिक ताप पर कम संघनन होता है, इसलिए कोहरा नहीं बनता। हां, सुबह-सुबह तुम ओस जरूर देख सकते हो। चाचा ने बताया। चाचा और राहुल अब तक पगडण्डी से खेतों में पहुंच चुके थे। खेत में गेहूं की फसल पर पानी की नन्हीं-नन्हीं बून्दें मोतियों की तरह चमक रही थी।चाचा ने कहा-बेटा, ये बून्दें जो देख रहे हो, ये ओस कण हैं। जाड़े की रात में ठण्ड अधिक होने से खुले आसमान के नीचे फूल पत्तियां घास आदि ठण्डे हो जाते हैं तो वायु की जलवाष्प का संघनन हो जाता है जिससे फूल पत्तियां घास आदि पर जल की छोटी-छोटी बून्दें बन जाती हैं। इसे ओस कहते हैं। राहुल चुपचाप, बड़े ध्यान से चाचा की बातें सुन रहा था। चाचा बता रहे थे-कभी कभी रात के ताप में अधिक गिरावट के कारण ओस की बून्दें जम भी जाती हैं। इसे पाला कहते हैं। पाला पड़ने से मौसम में ज्यादा ठण्डक हो जाती है जैसी इन दिनों हो रही है। चाचा जी नदियों, तालाबों के पास, बड़े मैदानों व खुली जगहों में कोहरा ज्यादा क्यों होता है। -राहुल ने फिर एक प्रश्न चाचा के सामने रख दिया। चाचा मुस्कराए -राहुल बेटा लो पहले खाओ कहते हुए उन्होंने एक गन्ना तोड़ राहुल के हाथ में थमा दिया। फिर बताने लगे, ‘‘हां बेटा, खुली व पानी की जगहों पर कोहरा इसलिए ज्यादा होता है क्योंकि द्रव की सतह का फैलाव अधिक होने पर वाष्पन अधिक होता है। ठण्ड में वहां संघनन भी अधिक होता है। यह भी याद रखा बेटा कि बड़े तल क्षेत्र पर संघनन अधिक होता है। संघनन के कारण ही कोहरा होता है। राहुल ने गन्ने की पोरी चूसते हुए कहा-चाचा जी, पहाड़ों पर हिमपात की खबरें आती हैं। क्या होता है हिमपात? चाचा ने बताया-बेटा, जाड़ों में अधिक ठण्ड होने के कारण वायमुण्डल की जलवाष्प हिम (बर्फ) में बदल जाती है और जब यह हिम जमीन पर गिरने लगता है तो इसे हिमपात कहते हैं। कभी-कभी जाड़ों में हुई वर्षा में ओले गिरते हैं। ज्यादा ठण्ड की वजह से वर्षा की बून्दें बर्फ के टुकड़ों में बदल जाती है। जब यह बर्फ बरसती है तो उसे ओलावृष्टि कहते हैं। ओलों के साथ-साथ पानी की बून्दें भी गिरती है जबकि हिमपात में बर्फ ही गिरती है, पानी नहीं।’ राहुल अब तक गन्ना चूस रहा था। चाचा ने कहा-चलो बेटा, घर चलें। वे दोनों वापस घर की तरफ चल दिये। (उर्वशी)

-अनिल शर्मा अनिल