आई.एस.आई. दविंदर सिंह को कर रहा फंडिंग, एन.आई.ए. जांच में जुटी

नई दिल्ली, 19 जनवरी (इंट) : जम्मू-कश्मीर के कुलगाम से हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के साथ गिरफ्तार किए गए बर्खास्त डीएसपी दविंदर सिंह पर एनआईए का शिकंजा तेज़ी से कसता जा रहा है। एनआईए ने केस दर्ज करने के बाद बर्खास्त डीएसपी दविंदर सिंह के पाकिस्तानी खुफिया एजैंसी आईएसआई से कनेक्शन की जांच में जुटी है। हिजबुल के कमांडर नवीद बाबू के अलावा जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी गुलाम मोइनुद्दीन डार उर्फ जाहिद से कनेक्शन सामने आया है। इसके बाद से आईएसआई एजेंट के रूप में दविंदर सिंह के लम्बे समय तक काम करने की एनआईए की आशंका दोगुनी हो गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दविंदर सिंह की बेटियों की पढ़ाई के लिए आईएसआई फंड देता है। इसकी वजह यह है कि आमतौर पर भारतीय सेना अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए बांग्लादेश नहीं भेजते हैं। एनआईए ने डीएसपी दविंदर सिंह द्वारा वर्ष 2005 में लिखे गए पत्र की जांच करने का फैसला किया है। दविंदर सिंह का यह खत दिल्ली पुलिस को उन चार आतंकियों के पास से बरामद हुआ था, जिनको 1 जुलाई 2005 को गुरुग्राम-दिल्ली बॉर्डर पर मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया था। इस पत्र के जरिए आतंकी हाजी गुलाम मोइनुद्दीन डार उर्फ जाहिद को एक पिस्टर और एक वायरलेस सेट ले जाने का पास दिया गया था। जांच में यह भी बात सामने आई है कि वर्ष 2019 में दविंदर सिंह तीन दिन के बांग्लादेश दौरे पर गया था और वहां कई दिनों तक रुका रहा। हालांकि सुरक्षा एजैंसियों को आशंका है कि दविंदर सिंह के बांग्लादेश दौर की असली वजह आईएसआई कनेक्शन हो सकता है। अब एनआईए इस बात की जांच कर सकती है कि क्या दविंदर सिंह ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका में आईएसआई एजेंटों से मुलाकात की थी या नहीं। पाकिस्तान के बाद दुबई, नेपाल और बांग्लादेश आतंकियों और आईएसआई एजेंटों के लिए सुरक्षित पनाहगाह है। इससे बांग्लादेश में दविंदर सिंह के आईएसआई एजेंटों से मिलने की आशंका बढ़ गई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य जांच एजैंसियों दविंदर सिंह के बैंक अकाऊंट की भी जांच कर रही है।