इस साल 32 हज़ार प्रवासी पक्षी कम पहुंचे हरिके झील में

हरिके पत्तन, 20 जनवरी (रितू कुन्द्रा): ब्यास-सतलुज दरिया के संगम विश्व प्रसिद्व हरिके झील में यहां हर वर्ष यूरोप देश से प्रवास कर प्रवासी पक्षी सर्दी में मेहमान बन कर आते है। यह रंग बिरंगे पक्षीयों के झुंड जब झील के पानी में होते हैं तो अलग ही नजारा पेस होता है। हरिके झील में सर्दी के मौस्म में पहुंचते है और इन प्रवासी पक्षीयों की गिणती हर वर्ष जनवरी महीने में की जाती है और वर्ष 18 व 19 जनवरी को 2 दिन में विभाग द्वारा गिणती का काम मुकम्मल किया गया और विभाग मुताबिक इस वर्ष 94 विभिन्न किस्मों के 91025 प्रवासी पक्षी झील में देखे गए। यह गिणती गत वर्ष से 32 हजार कम है जबकि गत वर्ष एक लाख 23 हजार पक्षी हरिके झील पर देखे गए है। इस संबंधी विभाग की डी.एफ.ओ. मैडम कलपना-के ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रवासी पक्षीयों की गिणती का काम 18 व 19 जनवरी को मुकम्मल कर लिया गया है जिस में कुल 12 टीम बनाई गई थी जिन में डब्लयू, डबल्यू, एफ, जंगली जीवन व वण विभाग हरीके, चंडीगढ बर्ड क्लब, अमृतसर बर्ड क्लब, फरीदकोट बर्ड क्लब व लुधियाणा बर्ड क्लब के मैंबरों ने गिणती के काम में हिस्सा लिया। इस गिणती के काम में 12 टीमे एक समय झील व ब्यास व सतलुज दरिया के विभिन्न क्षेत्र में पहुंची। 2 दिन गिणती का काम चलने के बाद टीमों ने दी रिर्पोट मुताबिक हरिके झील में 9 किस्मों के 91025 पक्षी देखे गए जिन में कूट 48185, ग्रे लैग गीज 17913, बार हैड़िड गीज 6339, गडवाल 4671 व नोर्थन शावलर 1827 देखे गए जिस में पहली बार देखा गया पक्षी मारगेंजर भी था। इस मौके पर डब्लयू, डब्लयू.एफ की सीनियर प्रोजैक्ट अधिकारी मैडम गीतांजलि कंवर से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि गत वर्ष से 32 हजार प्रवासी पक्षी कम पहुंचे है हरिके झील में और वर्ष 2015 में एक लाख पांच हजार, वर्ष 2016-17, 18 में 92 हजार व वर्ष 2019 में एक लाख 23 हजार प्रवासी पक्षी हरिके झील में पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि बाकी वैटलैंड में भी गत वर्ष से इस वर्ष के मुकाबले पक्षीयों की आमद बहुत कम हुई है।