ग्रीनपीस इंडिया द्वारा प्रदूषित शहरों की सूची में पंजाब के 21 शहर

नई दिल्ली, 21 जनवरी (उपमा डागा पारथ) : पंजाब की आबो-हवा कितनी सांस लेने योग्य अर्थात् प्रदूषित है, यह चाहे व्यापक बहस के लिए एक लम्बा समय हो सकता है परंतु पंजाब की हवा साफ होने की उम्मीद कितनी है, इस बारे ग्रीन इंडिया द्वारा जारी एक रिपोर्ट ने फिलहाल  पंजाबियों की उम्मीद बढ़ा दी है। ग्रीन पीस इंडिया द्वारा हवा के प्रदूषण के लिए मंगलवार को देशभर के 287 शहरों से पीएम 10 डेटा के आधार एक रिपोर्ट पेश की है जिसमें पंजाब के 21 शहरों के नाम भी मौजूद हैं। 287 शहराें की सूची में इन 21 शहरों का स्थान 28वें स्थान से लेकर 174 स्थान पर रहा है। परंतु इस रिपोर्ट में जो नुक्ता उम्मीद जताता है वह है अधिकतर स्थानों पर हवा का स्तर पिछले साल की तुलना में बेहतर हुआ है। फिर चाहे वह अमृतसर हो, जालन्धर या फिर लुधियाना। हालांकि पिछले साल के मुकाबले स्तर सुधरने का अपवाद भी 3 शहर रहे हैं जिनमें पटियाला, संगरूर व डेराबस्सी का नाम शामिल है। इन तीनों शहरों में हवा के प्रदूषण के स्तर में मामूली वृद्धि हुई है।
सुधार के रूप में जालन्धर रहा अव्वल : पिछले साल के मुकाबले हवा के स्तर में सबसे अधिक सुधार जालन्धर में रहा है। जालन्धर जिसकी हवा 2017 के पीएम 10 डेटा के आधार पर 223 थी, 2018 के आंकड़ों में उसकी गुणवत्ता अब 153 हो गई है। उल्लेखनीय है कि पीएम 10 डेटा के आधार पर आंकड़ा जितना अधिक होगा हवा में प्रदूषण की मात्रा उतनी ही ज्यादा होगी। रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक प्रदूषित शहर झारखंड का झरिया है जिसका पीएम 10 डेटा के आधार पर 322 है जबकि झारखंड का ही धनबाद 264 के आंकड़े के साथ दूसरे नम्बर का प्रदूषित शहर है। पंजाब के शहरों की बात करें तो अमृतसर पंजाब का सबसे अधिक प्रदूषित शहर है जोकि सूची में 28वें स्थान पर है। हालांकि 2017 के पीएम 10 के आंकड़े 192 से 2018 में कम होकर यह 177 पर पहुंचा है। सूची में लुधियाना 38वें, जालन्धर 41वें, खन्ना 62वें व अजनाला 65वें स्थान पर है जबकि समराला 67वें, जगराओं 69वें, गढ़शंकर 78वें, गोबिंदगढ़ 80वें तथा जलालाबाद 89वें स्थान पर है। सूची के प्रदूषित शहरों में मुक्तसर 92वें, मालेरकोटला 95वें, बटाला 96वें, बठिंडा 100वें स्थान तथा तपा 103वें स्थान पर है। 
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के पैतृक शहर पटियाला का नाम वैसे तो पहले 100 प्रदूषित शहरों में नहीं आता परंतु 2017 के पीएम 10 डाटा के आंकड़ों में जहां हवा मेें पीएम 10 की मात्र 102 थी, वह 2018 के आंकड़ों में बढ़कर 106 हो गई है। ऐसे ही संगरूर व डेराबस्सी की हवा में पीएम 10 की मात्रा 2017 के 95 व 93 में बढ़कर 2018 में 014 व 95 हो गई है। इन तीनों स्थानों पर हवा के स्तर में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। नया नंगल की हवा की गुणवत्ता 2017 के मुकाबले 2018 में जस की तस रही है। जबकि डेरा बाबा की हवा में भी सुधार दर्ज किया गया जबकि कुछ शहरों को सूची में पहली बार शामिल किया गया है। सूची के अनुसार मिज़ोरम का इकलौता शहर है जोकि पीएम 10 के स्वीकार करने योग्य स्तर पर पूरा उतरता है।