ओडिशा में खदान नीलामी में हिस्सा ले रही आर्सेलर मित्तल निप्पन स्टी : सीईओ दिलीप ओम्मन

नई दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा): आर्सेलरमित्तल निप्पन स्टील (एएमएनएस) अपनी लौह अयस्क जरूरतों को संरक्षित करने के लिए ओडिशा में चल रही लौह अयस्क खदानों की नीलामी में भाग ले रही है। आर्सेलरमित्तल निप्पन स्टील इंडिया (एएमएनएस इंडिया) आर्सेलरमित्तल और जापान की स्टील कंपनी निप्पन स्टील कॉरपोरेशन का संयुक्त उद्यम हैं। इसमें आर्सेलरमित्तल की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत और निप्पन की 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दिलीप ओम्मन ने एक कार्यक्रम से इतर पीटीआई.भाषा को बताया, ‘हम ओडिशा में चल रही खदानों की नीलामी में हिस्सा ले रहे हैं।’ यह पूछे जाने पर कि उनकी कंपनी ने कितनी खदानों के लिए बोली लगाई है, उन्होंने आंकड़ा बताये बिना कहा कि ‘इसमें लौह अयस्क की मात्रा अधिक है, कोयले की कम है।’ ओम्मन ने कहा कि किसी भी इस्पात कंपनी को अपने कच्चे माल के स्त्रोतों को संरक्षित करना होता है और आर्सेलरमित्तल निप्पन स्टील इससे अलग नहीं है। इसलिए वह अपनी लौह अयस्क की जरूरतों को संरक्षित करने के लिए नीलामी प्रक्रिया में भाग ले रही है। इस्पात क्षेत्र के परिदृश्य को लेकर ओम्मन ने कहा कि वाहन उद्योग ने बेहतर करना शुरू कर दिया है। उद्योग को सुस्त मांग और अधिक लागत का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘इस्पात उद्योग में मांग में नरमी है।’ एक चीज और जो रास्ते में आ रही है वो है ओडिशा में नीलामी प्रक्रिया में अनिश्चितता। लौह अयस्क के दाम की बढ़े हैं और इसमें तेजी जारी है।