पैट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए : वाणिज्यिक कर मंत्री

इंदौर, 23 जनवरी (भाषा) : केंद्र सरकार का आम बजट पेश होने से पहले मध्यप्रदेश के वाणिज्यिक कर मंत्री ब्रजेंद्र सिंह राठौर ने पेट्रोलियम पदार्थों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाये जाने की बृहस्पतिवार को वकालत की। राठौर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मेरा व्यक्तिगत रूप से स्पष्ट मत है कि केंद्र सरकार को पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिये, ताकि देश के गरीबों, किसानों और आम लोगों को फायदा हो।’ गौरतलब है कि पेट्रोलियम पदार्थों के जीएसटी के दायरे से बाहर होने के कारण राज्य सरकारें इन पर अलग-अलग दरों से मूल्य संवर्धित कर (वैट) और अन्य कर-उपकर वसूल रही हैं। इस वसूली का राज्य सरकारों के कर राजस्व में बड़ा योगदान है। जीएसटी प्रणाली को आसान किये जाने की उद्योग-व्यापार जगत की मांग पर वाणिज्यिक कर मंत्री ने कहा, ‘जीएसटी प्रणाली का गठन जल्दबाजी में किया गया था। इसके चलते जीएसटी परिषद को इस प्रणाली में बार-बार संशोधन करने पड़ रहे हैं।’ कर राजस्व पर आर्थिक सुस्ती के असर के बारे में पूछे जाने पर राठौर ने कहा, ‘देश की आर्थिक स्थितियां निश्चित तौर पर बहुत अच्छी नहीं चल रही हैं। हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र सरकार अपने आगामी बजट में इस बात का विशेष ध्यान रखेगी कि मौजूदा हालात से कैसे निपटा जाये।’ उन्होंने कहा, ‘जहां तक मध्यप्रदेश का सवाल है, हम अपने स्तर पर कमियों को दूर करते हुए कर राजस्व बढ़ाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।’ वाणिज्यिक कर मंत्री ने राज्य के प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के इस आरोप को ‘आश्चर्यजनक रूप से हास्यास्पद’ करार दिया कि कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार नियम-कानूनों में ढील के जरिये शराब की बिक्री को बढ़ावा दे रही है। राठौर ने कहा, ‘प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में शराब की अवैध बिक्री से कर राजस्व की चोरी होती थी और इसकी रकम बिचौलिये की जेब में जाती थी। हमने इस कर चोरी पर अंकुश लगाया है।’