वाहनों पर लिखे अक्षर व प्लेटें हाईकोर्ट द्वारा बैन

चंडीगढ़, 24 जनवरी (सुरजीत सिंह सत्ती) : गाड़ियों, कारों व दोपहिया वाहनों पर पुलिस, प्रैस, मेयर, चेयरमैन, अध्यक्ष व अन्य पदों संबंधी लिखे अक्षरों व प्लेटरों पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पाबंदी लगा दी है। हाईकोर्ट का मानना है कि यह अक्षर व गाड़ियों पर पदों संबंधी लगाई प्लेटें आम लोगों में केवल धौंस जमाने के लिए लगाई जाती हैं और कानून की नज़रों में गाड़ियों पर ऐसे अक्षर लिखना या प्लेटें लगाना मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन भी है, लिहाज़ा यह सब कुछ हटाया जाना चाहिए। हालांकि हाईकोर्ट ने वाहनों पर केवल पार्किंग स्टीकर लगाने की छूट ज़रूर दी है। जस्टिस राजीव शर्मा व जस्टिस अमोल रतन सिंह की डिवीज़न बैंच ने उक्त आब्जर्वेशन देते हुए पुलिस को इस संबंधी 72 घंटे में कार्रवाई करने की हिदायत की है। बैंच ने यहां तक कहा है कि सरकारी गाड़ियों पर भी विभाग लिखवाना गलत है हालांकि यह गाड़ियां हाईकोर्ट की ही क्यों न हों। हाईकोर्ट की इस हिदायत से अब पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ में कोई भी व्यक्ति अपने वाहन पार्किंग स्टिकर के अलावा किसी विशेष पद संबंधी प्लेटेें नहीं लगा सकेगा और न ही ऐसे अक्षर लिखवा सकेगा, जैसे कि आम तौर पर कुछ व्यक्ति अपने पद संबंधी प्लेटें लगाकर या अक्षर लिखवा कर समाज में धौंस जमाते फिरते हैं। ट्रैफिक संबंधी केस की सुनवाई दौरान उक्त अहम हिदायत के अलावा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ में सड़कों किनारे खड़ी करने पर पाबंदी लगा दी है। इसके अलावा चंडीगढ़ में पार्किंग संबंधी विशेष हिदायतें दी हैं। वास्तव में चंडीगढ़ प्रशासन ने पार्किंग नीति का प्रारूप हाईकोर्ट में पेश किया, जिस पर बैंच ने कहा कि इस पर 30 दिन में एतराज मांगे जाने और उसके बाद 30 दिन में एतराजों पर फैसला लेकर पार्किंग नीति को लागू किया जाए। पार्किंग नीति संबंधी सभी कार्रवाईयां पूरी कर इसे लागू करने के लिए तीन माह दिए गए हैं।