" सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग को निर्देश " राजनीति के अपराधीकरण को रोकने के लिए फ्रेमवर्क तैयार हो

नई दिल्ली, 24 जनवरी  ( उपमा डागा पारथ/ एजेंसी ): उच्चतम न्यायालय ने राजनीति के अपराधीकरण को समाप्त करने को लेकर फ्रेमवर्क तैयार करने का चुनाव आयोग को शुक्रवार को निर्देश दिया। न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति रवीन्द्र भट की पीठ ने आयोग से कहा कि राजनीति में अपराध के वर्चस्व को खत्म करने के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार किया जाए। न्यायालय ने इस पर जवाब के लिए आयोग को एक सप्ताह का समय भी दिया है। न्यायालय ने राजनीति के अपराधीकरण पर सख्त टिप्पणी की है। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा कि देश में राजनीति के अपराधीकरण को रोकने के लिए कुछ तो करना ही होगा। न्यायालय ने चुनाव आयोग से अपराधियों पर रोक लगाने के लिए उपाय सुझाने के लिए कहा है। न्यायालय ने आयोग से एक हफ्ते के अंदर इस पर जवाब मांगा है। चुनाव आयोग का कहना है कि चुनाव लड़ने वाले तमाम उम्मीदवारों द्वारा उनकी आपराधिक रिकॉर्ड देने मात्र से समस्या हल नहीं हो सकती। आयोग ने न्यायालय के वर्ष 2018 में दिए गए उस फैसले की याद दिलाई जिसके तहत उम्मीदवारों से उनके आपराधिक रिकार्ड को इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया में घोषित करने को कहा गया था। आयोग ने कहा कि राजनीति का अपराधीकरण रोकने में उम्मीदवारों द्वारा घोषित आपराधिक रिकॉर्ड से कोई मदद नहीं मिली है। आयोग ने सुझाव दिया कि उम्मीदवारों से आपराधिक रिकॉर्ड मीडिया में घोषित करने के बजाए ऐसे उम्मीदवारों को टिकट से वंचित कर दिया जाना चाहिए जिनका पिछला रिकॉर्ड आपराधिक रहा हो।