केन्द्रीय मंत्रिमंडल के फैसले- अब 24 सप्ताह तक गर्भपात कराने की अनुमति

नई दिल्ली, 29 जनवरी (भाषा) : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चिकित्सा गर्भपात संशोधन विधेयक 2020 को बुधवार को मंजूरी दे दी जिसमें गर्भपात कराने की सीमा को 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह करने का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस उद्देश्य के लिए गर्भपात अधिनियम (मैडीकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट) 1971 में संशोधन किया जाएगा। इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि मंत्रिमंडल ने गर्भपात कराने की अनुमति के लिए अधिकतम सीमा 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह करने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि 20 सप्ताह में गर्भपात कराने पर मां की जान जाने के कई मामले सामने आए हैं, 24 सप्ताह में गर्भपात कराना सुरक्षित होगा। जावड़ेकर ने गर्भपात कराने की सीमा 24 सप्ताह करने पर कहा कि इस कदम से दुष्कर्म पीड़िताओं और नाबालिगों को मदद मिलेगी। 
पूर्वोत्तर परिषद् का 30 प्रतिशत बजट नई परियोजनाओं के लिए आवंटित करने को मंजूरी दी : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्वोत्तर परिषद् के 30 प्रतिशत बजट को नई परियोजनाओं के लिए आवंटित करने को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी जो वंचित क्षेत्र एवं वंचित वर्गों पर केंद्रित होगा। जावड़ेकर ने बताया कि पूर्वोत्तर राज्य के बजट का 30 प्रतिशत आवंटन उपेक्षित क्षेत्र, उपेक्षित वर्ग एवं उभरते हुए प्राथमिकता वाले क्षेत्र के लिए होगा। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से सरलीकरण होगा, काम की गति बढ़ेगी और विकास के अवसर बढें़गे।
राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग विधेयक में आधिकारिक संशोधनों को मंजूरी : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग विधेयक 2019 में अधिकारिक संशोधनों को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में होम्योपैथी केंद्रीय परिषद् (एचसीसी) अधिनियम, 1973 में संशोधन के लिए राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग विधेयक, 2019 में अधिकारिक संशोधनों को अपनी मंजूरी दे दी गई। फिलहाल यह विधेयक राज्यसभा में लंबित है। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इन संशोधनों से होम्योपैथी शिक्षा के क्षेत्र में आवश्यक नियामक सुधार और आम जनता के हितों की रक्षा के लिए पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व सुनिश्चित होंगे।
चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े दो विधेयकों में आधिकारिक संशोधनों को मंजूरी : केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग विधेयक, 2019 (एनसीआईएम) में और राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग विधेयक, 2019 में आधिकारिक संशोधनों को मंजूरी प्रदान कर दी है। मंत्रिमंडल की बैठक में इन दोनों विधेयकों में संशोधनों को मंजूरी दी गई। दोनों विधेयक राज्यसभा में लंबित है। जावड़ेकर से कहा कि प्रस्तावित कानून से भारतीय चिकित्सा शिक्षा प्रणाली के क्षेत्र में आवश्यक नियामक सुधार सुनिश्चित किया जाएगा। प्रस्तावित नियामक संरचना से आम लोगों के हितों की सुरक्षा करने के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही तय होगी। यह आयोग देश के सभी हिस्सों में किफायती स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की उपलब्धता को बढ़ावा देगा।