दलाईलामा का उत्तराधिकारी चुनने में दखल देने के खिलाफ - अमरीकी सदन में चीन के खिलाफ  प्रस्ताव पास

धर्मशाला, 29 जनवरी (अ.स.) : मैक्लोडगंज स्थित निर्वासित तिब्बत सरकार के राष्ट्रपति डॉ. लोबसांग सांगे ने दलाई लामा का उत्तराधिकारी चुनने की प्रक्रिया पर चीन सरकार पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को ऐतिहासिक करार दिया है। जानकारी के अनुसार अमरीकी सदन में बुधवार को चीन के खिलाफ  प्रस्ताव पास हुआ है। यह प्रस्ताव दलाई लामा के उत्तराधिकारी में चीन के दखल देने के खिलाफ अमरीकी सदन में लाया गया था। बिल में कहा गया है कि अगर चीन दलाई लामा का उत्तराधिकारी चुनने की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करेगा तो उसपर प्रतिबंध लगाया जाएगा। राष्ट्रपति डा. लोबसांग सांगे के अनुसार मध्य मार्गनीति और तिब्बतियों के लिए वास्तविक स्वायत्तता, धार्मिक स्वतंत्रता, तिब्बती पठार के पर्यावरण संरक्षण और तिब्बत में स्वतंत्रता कीबहाली के लिए अमेरिका द्वारा उनके हक में यह एक मजबूत समर्थन है समर्थन है। राष्ट्रपति ने विशेष रूप से अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी, कांग्रेसी जिम मैकगवर्न डी-मास, कांग्रेसी क्रिस स्मिथ आर-एनजे और एक लंबे समय से तिब्बत का समर्थन करने वाले रिपब्लिकन कांग्रेसी टेड योहो का धन्यवाद किया है, जिन्होंने सदन के साथ-साथ अन्य लोगों के समर्थन में जोरदार बात की। राष्ट्रपति डॉ. लोबसांग सांगे पिछले साल सितंबर और नवंबर में वॉशिंगटन में थे और बिल के लिए समर्थनजुटा रहे थे तथा 21 सीनेटरों और कांग्रेस पर्सन से मुलाकात की थी। कांग्रेसी नेता टेड योहो ने पुष्टि की कि तिब्बती मुद्दा है और वह पक्षपातपूर्ण समर्थन को आकर्षित करना जारी रखेंगे। उन्होंने एक वीडियो कॉन्फ्रें स के माध्यम से कांग्रेस के सदस्यों को संबोधित करने के लिए परम पावन दलाई लामा को आमंत्रित करने के लिए बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा यह दुनिया भर में तिब्बतियों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण और सशक्त दिन है।