10वीं श्रेणी की परीक्षा में पास फार्मूले बदलने से पास फीसदी में बड़ा इजाफा होने के आसार

एस. ए. एस. नगर, 5 फरवरी (तरविंद्र सिंह बैनीपाल): पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा 10वीं श्रेणी की मार्च-2020 की वार्षिक परीक्षा में पास फार्मले को सीबीएसई की तर्ज पर बदलने के लिए गए फैसले के साथ अब लिखती परीक्षा में से गत् वर्षों के मुकाबले कम अंक लेने वाला परीक्षार्थी पास होने में सफल हो जाएगा। चाहे पास फार्मले में की गई इस तबदीली कारण मार्च-2020 की 10वीं श्रेणी के परिणाम की पास प्रतिशतता में बड़ा इजाफा होने के आसार हैं, लेकिन क्या लिखती परीक्षा में से कम अंक लेकर पास होने वाले परीक्षार्थी आधुनिक समय की साथी बन सकेंगे और वे मुकाबले के परीक्षार्थियों समक्ष टिक सकेंगे, यह बड़े सवाल अभिभावकों व शिक्षा शास्त्रियों द्वारा उठाए जा रहे हैं। सूत्रों अनुसार शिक्षा बोर्ड की अकादमिक डायरेक्टर व एससीईआरटी पंजाब के डायरेक्टर पर आधारित गठित कमेटी द्वारा 10वीं श्रेणी की परीक्षा शुरू होने से सिर्फ 2 माह पूर्व पास फार्मूले को बदलने को हरी झण्डी देने के साथ इस फार्मूले को बोर्ड द्वारा ली जा रही 5वीं और 8वीं श्रेणी की वार्षिक परीक्षा में भी लागू किया जा रहा है। बोर्ड द्वारा नए पास फार्मूले में सीबीएसई की तर्ज पर किया संशोधन अनुसार अब परीक्षार्थी को प्रत्येक विषय की लिखती परीक्षा, संबंधित विषयों की प्रयोगी परीक्षा और सीसीई (लगातार और व्यापक मूल्यांकन) में से कुल मिला कर कम से कम 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करने और अलग तौर पर प्रत्येक में से कम से कम 20 फीसदी अंक प्राप्त करने वाले को पास घोषित किया जाएगा। नयी नीति अनुसार अब 10वीं श्रेणी के गणित विषय के 10 अंकों के प्रैक्टीकल और 10 अंकों के सीसीई (दोनों) में से 17 अंक लेने वाले परीक्षार्थी को पास होने के लिए 80 अंकों की लिखती परीक्षा में से कम से कम 16 अंक (20 फीसदी अंक) लेने अनिवार्य हैं। इसी तरह साइंस विषय के 20 अंकों के प्रैक्टीकल और 10 अंकों की सीसीई (दोनों) में से 19 अंक लेने वाले परीक्षार्थी को पास होने के लिए 70 अंकों की लिखती परीक्षा में से 14 अंक (20 फीसदी अंक) लेने आवश्यक हैं, जबकि 10 अंकों के सीसीई में से 7 से 9 अंक लेने वाले परीक्षार्थियों को अंग्रेज़ी, हिन्दी और सामाजिक विज्ञान विषय में से पास होने के लिए परीक्षा में कम से कम 23 से 25 के करीब अंक प्राप्त करने अनिवार्य होंगे, जबकि इससे पूर्व पास होने के लिए परीक्षार्थियों को सभी विषयों की लिखती परीक्षा में से 33 फीसदी अंक लेने के लिए ज़रूरी होते थे। प्राप्त जानकारी अनुसार शिक्षा बोर्ड द्वारा मार्च 2019 की वार्षिक परीक्षाओं के प्रश्न-पत्रों की बनावट में तबदीली करते हुए 40 प्रतिशत प्रश्न आसान और 40 फीसदी प्रश्न मध्यम तथा 20 फीसदी मुश्किल प्रश्न डालने की विधि अपनाई गई है, जिसका असर गत वर्ष बोर्ड परिणामों पर साफ देखने को मिलता था।