श्री करतारपुर साहिब में पाक मुस्लिम विज़टर के लंगर ग्रहण करने पर हटी पाबंदी

अमृतसर, 6 फरवरी (सुरिन्द्र कोछड़) : पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब में दर्शनों के लिए भारी उत्साह से पहुंच रहे पाकिस्तानी मुस्लिम भाईचारे के लोगों पर लंगर छकने पर लगाई पाबंदी हटा ली गई है। पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान स. सतवंत सिंह और सिख नेता स. बिशन सिंह ने इसकी पुष्टि करते ‘अजीत’ को बताया कि गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब में अब पाकिस्तानी गैर-सिख विज़टर दर्शन भी कर सकेंगे और लंगर-घर में लंगर भी छक सकेंगे। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि सिर्फ वही पाकिस्तानी गैर-सिख नागरिक गुरुद्वारा साहिब के दर्शन कर सकेंगे और लंगर छक सकेंगे, जिनके द्वारा किसी रूमाल, टोपी या किसी कपड़े से सिर ढका होगा। उन्होंने कहा कि यह नियम सिख रहित मर्यादा को ध्यान में रख कर लागू किया गया है। बताया जा रहा है कि बीते दिनों पाक मुस्लिम पत्रकारों और साहित्यकारों का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुद्वारा साहिब के दर्शनों के लिए पहुंचा था। उक्त प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के बार-बार निवेदन करने के बावजूद न तो उनको गुरुद्वारा साहिब के दर्शनों को मंजूरी दी गई थी और न ही उनको लंगर छकन दिया गया था। जिसके बाद पाक सिख भाईचारे ने इसके विरोध में प्रधानमंत्री इमरान खान को पत्र लिख कर इस कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण बताते स्पष्ट तौर पर कहा कि गुरुद्वारा साहिब के अंदर जाने और लंगर छकने पर मुस्लिम यात्रियों पर लगाई रोक से उनमें सिख धर्म बारे गलत जानकारी पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा साहिब में लगाया जाने वाला लंगर आपसी भाईचारक सांझ, समानता, रूहानियत की शिरकत का प्रतीक है। जहां लंगर ज़रूरतमंदों की भूख शांत करता है, वहीं पंगत में बैठकर छका लंगर धर्म और जात-पात को भी मिटाता है। जिसके बाद अब पक्के तौर पर गैर-सिख नागरिकों के लंगर छकने पर रोक हटा दी गई है।