पंजाब का भविष्य खतरे में, बेरोज़गारी से विद्यार्थियों की रुचि विदेशों की ओर

खासा, 9 जनवरी ( गुरनेक सिंह पन्नु ) : आज हर एक युवक का केवल एक ही सपना है कि आईलैट्स करके अगली शिक्षा विदेश में करने उपरांत वहीं सैटल हो जाना और उनके माता-पिता का भी यही सपना होता है कि उनके बच्चे विदेश में जाकर सैटल हो जाएं। आज हमें इस बढ़ रहे रुझान के कारण को जानने की ज़रूरत है, कभी सोने की चिड़िया कहलाए जाने वाला पंजाब आज दूसरे देशों पर निर्भर हो रहा है। इसके एक नहीं अनेक कारण हैं, जैसे कि रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, नशा, इंसाफ में देरी, बेरोज़गारी सत्ताधारी द्वारा चुनाव के समय किये झूठे वायदे, कृषि में मेहनत के बावजूद फसलों का सही मूल्य न मिलना व किसानों का मंडियों में परेशान होना, हर तरफ फैली गंदगी, खाने-पीने की वस्तुओं में कैमीकल, दूषित हवा, टै्रफिक समस्या, महंगाई, लड़ाई-झगड़े आदि। देखा जाए तो पंजाब का हर वर्ग आज अपने आप को खतरे में महसूस कर रहा है। पहले बात करें युवा पीढ़ी की, जोकि पंजाब का भविष्य है। बारहवीं श्रेणी करने उपरांत कालेजों या यूनिवर्सिटियों में आरक्षण बच्चों में भेदभाव पैदा कर देता है। योग्यता होने के बावजूद कई विद्यार्थी सीट लेने से वंचित रह जाते हैं। दूसरा जो विद्यार्थी कालेजों, यूनिवर्सिटियों में 6-7 साल लगा कर महंगे कोर्स करने उपरांत भी बेरोज़गार ही रह जाते हैं और तंग आकर गलत रास्ता अपना लेते हैं। यह सब देख कर उनके छोटे भाई-बहन अपना रुख विदेशों की ओर कर लेते हैं। इतना ही नहीं, बड़े पदों पर बैठे व्यक्तियों की भी आज यही सोच है कि वह अपने परिवार को विदेश में सैटल करना चाहते हैं, ताकि वह अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित कर सकें, परन्तु सरकारें इस बात से अवगत होते हुए भी कुछ नहीं कर रहीं। केवल स्टेजों पर लैक्चरों तक ही सब कुछ सीमित रह जाता है। यदि देखा जाए तो अरबों रुपये हर वर्ष पंजाब से विदेशों में जा रहे हैं, चाहे वह आईलैट्स की फीस हो या फिर कालेजों, यूनिवर्सिटियों की फीसें हों, जिसकी उदाहरण केवल पंजाब में हर वर्ष 3 लाख 36 हज़ार के करीब विद्यार्थी आइलैट्स की परीक्षा दे रहे हैं और केवल कनाडा ही पंजाब के विद्यार्थियों के द्वारा 1800 करोड़ के करीब डॉलर कमा रहा है। यहां एक मुख्य कारण यह भी है कि अब कोई भी अपने आप को पंजाब में सुरक्षित महसूस नहीं करता, यदि किसी व्यक्ति के पास टै्रफिक चौक का कोई सिग्नल भी टूट जाए तो चालान काटने के साथ-साथ उसे बुरी तरह ज़लील किया जाता है और दूसरी ओर यदि कोई व्यक्ति बड़ा ज़ुल्म करता है तो पुलिस उसे पकड़ने की बजाय उसकी मदद करके पूछताछ करके उसे निर्दोष साबित कर देती है। इन सब कारणों के कारण आज की युवा पीढ़ी विदेशों में जाने को मजबूर है, क्योंकि वहां उनकी मेहनत का मूल्य मिलता है और वे अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। सरकार को पंजाब के भविष्य के प्रति चिंतित होते हुए इस बात की ओर ध्यान देने की ज़रूरत है कि वह शिक्षा के उपरांत बच्चों को रोज़गार दे, इंसाफ की व्यवस्था ठीक करे, नशों को खत्म करे व अपने नागरिकों की ज़रूरतें पूरी करते हुए उन्हें सुरक्षा प्रदान करे नहीं तो आने वाले समय में पंजाब में युवा पीढ़ी की जगह केवल नशेड़ी व चोर ही नज़र आएंगे और पंजाब को आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ेगा, जिसकी शुरुआत हो चुकी है।