दिल्ली के चुनाव नतीज़े भी बदलेंगे पंजाब की महंगी बिजली नीति को

जालन्धर, 11 फरवरी (शिव शर्मा) : दिल्ली में आए चुनाव नतीज़ों में आम आदमी पार्टी को मिली सूपड़ा साफ जीत पंजाब में सरकार की बिजली नीति को बदल सकते हैं, क्योंकि दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा स्वयं निचले स्तर पर काम करने के कारण मिली जीत का एक बड़ा कारण बताया जा रहा है, परंतु दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने सस्ती बिजली की आम खपतकारों को राहत दी थी, उसने न सिर्फ दिल्ली में बल्कि देशभर में इस मुद्दे को आम खपतकारों के दिलों में बिठा दिया है और अब दिल्ली में सरकार के आम खपतकारों के लिए सस्ती बिजली के मॉडल को बंगाल सरकार ने भी अपना लिया है और इसका बड़ा असर अब 2022 में पंजाब में पड़ने की संभावना ज़ाहिर की जा रही है। दिल्ली से चुनाव परिणामों के बाद पंजाब में सरकार को अपनी बिजली नीति को बदलने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इस समय पॉवरकॉम कम्पनियों को 1400 करोड़ रुपए की अदायगी करने के बाद पंजाब के खपतकारों के ऊपर 1 जनवरी से इसकी भरपाई के लिए 30 पैसे प्रति यूनिट लोगों पर भार डाल चुका है और अब अप्रैल से पंजाब में बिजली अथॉरिटी कमिशन ने और दरें महंगी करने का ऐलान करना है, परंतु दिल्ली में दोबारा ‘आप’ की सरकार आने पर सरकार को अपनी नीति बदलने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। पंजाब में इस समय कृषि सैक्टर, इंडस्ट्रीज़ व व्यापारिक वर्ग के उपभोक्ता निकालकर अनुमानित 45 से 50 लाख के करीब आम खपतकार हैं, जिन पर महंगी बिजली का भार पड़ रहा है और अब कई खपतकारों को हज़ारों के बिल देने काफी मुश्किल लग रहे हैं। दिल्ली में ताज़ा परिणामों के साथ पॉवरकॉम द्वारा अब अप्रैल में ज्यादा भार डालना आसान नहीं होगा। पॉवरकॉम अभी 8000 करोड़ के ताज़ा घाटे में है, जिसकी भरपाई उसने 3 वर्षों में करनी है। निजी कम्पनियों की अब महंगी बिजली सभी को लग रही है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह चाहे सस्ती बिजली के मुद्दे पर सफाई दे चुके हैं कि पंजाब में सरकार कृषि सैक्टर सहित 11000 करोड़ की बिजली मुफ्त देते हैं, जबकि दिल्ली में केजरीवाल सरकार सिर्फ 2500 करोड़ की बिजली मुफ्त देते हैं, परंतु इसमें भी सच्चाई है कि केजरीवाल की जीत में उन आम खपतकारों का भी बड़ा हाथ है, जिन्होंने 2500 करोड़ की कुछ यूनिट मुफ्त बिजली की सुविधा दी जाती है, जबकि पंजाब में आम खपतकारों के लिए यह बिजली 10 रुपए प्रति यूनिट पड़ रही है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस के प्रधान ने भी अब निजी प्लांटों द्वारा महंगी बिजली के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। आने वाले दिनों में पंजाब सरकार को आम खपतकारों के लिए महंगी बिजली से राहत दिलवाने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।