प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को 31 मार्च तक 11 रीयल टाइम वाटर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित करने के निर्देश

चंडीगढ़, 15 फरवरी (अ.स.): नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की निगरान कमेटी ने पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) को 11 रीयल टाइम वाटर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए तेजी से कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इन मॉनिटरिंग स्टेशनों में से सतलुज दरिया पर 4 मॉनिटरिंग स्टेशन, ब्यास पर 1, घग्गर दरिया पर 4 व बुड्ढे नाले पर 2 रीयल टाइम वाटर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन 31 मार्च, 2020 तक स्थापित किए जाएंगे। पंजाब के दरियाओं की सफाई के लिए कार्य योजना लागू करने संबंधी एनजीटी की निगरान कमेटी की 9वीं मीटिंग दौरान चेयरपर्सन जस्टिस (सेवानिवृत्त) जसबीर सिंह ने सभी संबंधित विभागों को 31 मार्च 2020 तक सीवरेज का 100 फीसदी ट्रीटमैंट यकीनी बनाकर दरियाओं की सफाई संबंधी सभी कार्य योजनाओं को समयबद्ध ढंग से मुकम्मल करने के लिए कहा। जस्टिस जसबीर सिंह ने एनजीटी के आदेशों के अनुसार एसटीपीज़ स्थापित करने और 31 मार्च 2021 से पहले इनके चालू होने को यकीनी बनाने पर भी ज़ोर दिया। कमेटी ने प्रदेश में दरियाओं की सफाई के लिए कार्य योजनाओं के लागू करने की प्रगति का जायज़ा भी लिया। दरियाओं के प्रदूषित हिस्सों के पानी के स्तर, विभिन्न सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों (एसटीपीज़), कामन एफलुएंट ट्रीटमैंट प्लांटों (सीईटीपीज़), उद्योगों में स्थापित एफलुएंट ट्रीटमैंट प्लांटों (ईटीपीज़) के कामकाज की प्रगति का भी जायज़ा लिया गया। इसके अलावा कमेटी द्वारा जनवरी 2020 दौरान औद्योगिक, शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रीटमैंट सुविधाओं की स्थापना संबंधी विभिन्न विकास कार्यों, बुड्ढे नाले में डेयरी वेस्टेज़ के प्रबंधन की भी समीक्षा की गई। कमेटी द्वारा यह पाया गया कि ब्यास दरिया के 2 प्रदूषित हिस्सों में पानी की गुणवत्ता अब केन्द्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) व एनजीटी के पानी के स्तर संबंधी क्लास बी मापदंडों को पूरा कर रही है जबकि सतलुज व घग्गर दरिया की पानी की गुणवत्ता पानी के स्तर संबंधी पर्याप्त मापदंडों (क्लास बी) के मुकाबले क्लास सी से ई तक बदलती रहती है। कमेटी ने इस पक्ष की प्रशंसा की कि प्रभावी निगरानी व कामकाज में सुधारों के कारण एसटीपीज़ को न चलाने की फीसदी अप्रैल 2019 के 45 फीसदी से कम होकर जनवरी 2020 में 21 फीसदी रह गई है। सभी एजैंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी गलती से बचने के लिए एसटीपीज़ की अपग्रेडेशन ज़रूरतों के अनुसार पहले ही योजनाबद्ध रखरखाव को प्रभावी ढंग से यकीनी बनाया जाए। बैठक में अन्यों के अलावा पूर्व मुख्य सचिव पंजाब सुबोध अग्रवाल, पूर्व सदस्य सचिव पीपीसीबी बाबू राम, सीपीसीबी के वैज्ञानिक जे.सी. बाबू व संबंधित विभागाें के अधिकारी मौजूद थे।