दुनिया भर के लोगों की पसंद बन चुका है इतालवी भोजन

भोजन मानव की प्राथमिक ज़रूरत है और मन-पसंद भोजन खाना मानव का शौंक है। दुनिया के हर देश और सभ्याचार के अपने-अपने मनपसंद भोजन हैं और इन भोजनों को संबंधित लोग शौंक के साथ खाते और मानते हैं। बेशक यह व्यवहार प्राकृतिक और विश्व-व्यापी है, लेकिन धरती का ग्लोबल गांव बन जाने के साथ-साथ इसमें बहुत कुछ बदलाव आ चुका है। भोजन के बारे भिन्न-भिन्न सभ्यताओं की अपनी पसंद और नापसंद भी इससे अछूती नहीं बची। जानकारी और तकनीक के इस संसार में सब सभ्यताएं एक ही मंच पर आ गई हैं और भिन्न-भिन्न भाईचारों के आपसी जीवन ढंग भी एक जैसे हो गए हैं, जिनमें से भोजन एक खास तत्व है। कुछ ऐसे ही भोजन की बात करते हैं, जो अब किसी एक सभ्यता या देश तक नहीं सीमित रहा, बल्कि पूरी दुनिया में पसंद किया जाने लगा है। एक विश्व स्तरीय खबर चैनल भिन्न-भिन्न मापदंडों को निर्धारित करने वाली एजेंसियां और अन्य कई अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खोज संस्थाओं के मुताबिक पंसदीदा भोजन के मामले में आज की तारीख में इतालवी रसोई पूरी दुनिया में छाई हुई है। इसलिए आज हम जानते हैं कि वह कौन से इतालवी भोजन हैं, जो दुनिया के सफर पर निकले और विश्व की पसंद बन गई। इतालवी रसोई के खाने की बात करें तो दुनिया में सबसे प्रसिद्ध और लोगों के दिलों में समाने वाला खाना है ‘पिज़ा’। आज की तारीख में यह दुनिया में सबसे ज्यादा पसंदीदा और प्रसिद्ध पकवानों में से एक हैं। इसके द्वारा इतालवी रसोई दुनिया के हर देश में छाई हुई है। पूरी दुनिया में पिज़े की सैकड़ों किस्में प्रसिद्ध हो जुकी हैं। इसे बनाने के लिए गेहूं के मैदे को खमीर के साथ तैयार करके एक बड़ी और भारी रोटी का आकार दिया जाता है, फिर उसके ऊपर टमाटर की चटनी के साथ मनपसंद मसाले, नमक, सब्ज़ियां, पनीर या मांसाहारी कच्चे भोजन को सजा कर बिना तले हुए किसी खास ढंग से बने तंदूर के अंदर पकाया जाता है। इसे मांसाहारी या शाकाहारी दोनों किस्म के लोगों के लिए तैयार किया जा सकता है। इतालवी लोग दुनिया में जहां-जहां भी गए, पिज़े का स्वाद और खुशबू उनके साथ ही फैलती गई और पिज़ा सारी दुनिया में भोजन उद्योग की एक बड़े भोजन उद्योग तौर पर स्थापित हो गया। विशेष तौर पर जब इतालवी लोग अमरीका गये तो यह खाना अमरीकन की पसंद बन कर सारी दुनिया में चर्चित हुआ। पिज़ा को चाहे फास्टफूड के तौर पर भी देखा जाता है, लेकिन असली इतालवी पिज़ा आज भी एक सेहतमंद खाना है, जिसमें सब्ज़ियां, पनीर और जैतून के तेल के रूप में सेहतमंद तत्वों की भरमार होती है। हां, यह बात अलग है कि जब पिज़ा उद्योग सारी दुनिया में प्रसिद्ध हो गया तो बहुत सारी अमरीकन और यूरोपियन कम्पनियों ने स्वास्थ्य के मामले में इसकी गुणवत्ता कम करके इसको फास्टफूड भोजन में शामिल कर लिया। दुनिया में आज भोजन के साथ संबंधित सैकड़ों कारोबारी कार्यालय पिज़ा की भिन्न-भिन्न किस्मों को अपने नाम और संरक्षण के कारण अरबों का कारोबार कर रहे हैं। भारत में आज ज्यादातर बने बनाए गोल ब्रैड-रोटी वाले पिज़्जे मिलते हैं, जिनका ताज़े आटे के तौर पर पारम्परिक इतालवी पिज़े के साथ कोई मुकाबला नहीं है। इटली में पिज़े का पारम्परिक रूप सेहतमंद खाने के रूप में जाना जाता है, जिसमें पौष्टिक तत्वों की भरमार होती है। इतालवी लोग आज भी घर की रसोई में अपने हाथों से पिज़ा बनाते हैं और खाते हैं। इटली में पिज़े के साथ संबंधित बहुत सारे लोक तथ्य और दिलचस्प कहानियां, मुहावरे प्रचलित हैं। पिज़े की खासियत यह है कि यह अपने आप में सम्पूर्ण भोजन है। भाव यह है कि इसको खाने के लिए साथ किसी सहायक खाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। ‘पास्ता’ भी एक ऐसा प्रसिद्ध इतालवी भोजन है, जो सारी दुनिया में प्रचलित है। यह भी गेहूं के आटे से तैयार किया जाने वाला भोजन है और आधुनिक समय में इसकी सैकड़ों किस्में प्रचलित हैं। शुरूआती रूप में इसका आकार कुछ इस तरह का था कि जैसे पंजाब के आटे की सेमियां बनाई जाती थीं। लेकिन धीरे-धीरे यह सैकड़ों किस्म की बनावट में बनकर तैयार होने लगा। बनाने के लिए इसको पानी में उबाल कर निकाल लिया जाता है और बाद में किसी किस्म के मसाले, नमक, टमाटर और लहसुन की चटनियों के साथ मिलाकर खाया जाता है। इटली में पास्ते को गेहूं के आटे से एकदम ताज़ा बनाकर खाया जाता था। लेकिन इसके कारोबारी उद्योग में आ जाने के कारण इसको बनाकर और सुखा कर स्टोर करके प्रयोग में लाने का रुझान ज्यादा हो गया। पिज़े की तरह ही इसकी भी सारी दुनिया में अनेक तरह की किस्में प्रसिद्ध हो चुकी हैं। मैकरॉनी, सफागिती, पेने, फुसिली, फारफले जैसे पास्ता की किस्में अनेक नाम से जानी जाती हैं। दिलचस्प है कि पुरातन इटली में कभी इसको गरीब लोगों के खाने के रूप में जाना जाता था, क्योंकि इसको बनाने में कम खर्चा आता है। इसीलिए आज यह पूरी दुनिया के मध्य और अमीर वर्ग के लोगों का भोजन माना जाता है। इटली में पारम्परिक तौर पर इसको निरोल हाथों के साथ ही खाने का रिवाज़ था, लेकिन आधुनिक समय में यह ज्यादातर छुरी कांटे के साथ खाया जाता है। इटली में अक्तूबर महीने को ‘पास्ता सरताज़’ के तौर पर मनाया जाता है। पिज़े और पास्ता में सांझा तथ्य यह है कि यह तल कर बनाये जाते भोजन में से नहीं है। दूसरा यह है कि बहुत सारे अन्य इतालवी खाने इन दोनों प्रसिद्ध भोजन के ही बदले या बिगड़े हुए रूप हैं।
सीखेटी  (इतालवी नाम चीखेटी) एक अलग प्रसिद्ध इतालवी भोजन है। जो प्रसिद्ध तो सारी दुनिया में है, लेकिन मुख्य रूप से इसकी पहचान इटली के सबसे प्रसिद्ध सैर-सपाटे के साथ संबंधित शहर बेनिस के साथ जुड़ी है। यह बहुत हल्का-फुल्का भोजन है, और रेस्तरां में इसको प्राथमिक भोजन के तौर पर परोसा जाता है। इसको बनाने के लिए छोटे-गोल ब्रैड भून कर खस्ता किए जाते हैं, बाद में उनके ऊपर नमक वाले टमाटर या अन्य और किस्म की चटनियां लगाई जाती हैं और पसंद के मुताबिक कई किस्म की भुनी हुई सब्ज़ियां, पनीर, मक्खन, मांस या समुद्री मांसाहारी भोजन को इन ब्रैड के ऊपर सजाकर परोसा जाता है। यह काफी सस्ता और सेहदमंद भोजन है और पश्चिमी जीवन ढंग का हिस्सा बन चुका है। कैपोनाटा भी बहुत स्वाद और प्रसिद्ध इतालवी भोजन है, जो इटली के सिसली क्षेत्र का पकवान है और सारे यूरोप के अलावा अफ्रीकन और अरब देशों में पसंद किया जाता है। कहा जाता है कि अगर आप कैफोनाटा खा रहे हों तो आप इतालवी, ग्रीस, अरबी, स्पेनिस और फारसी रसोई के स्वाद को सांझा करते हैं। पारम्परिक तौर पर इसको बनाने के लिए प्याज़ और शिमला मिर्च जैसी कई किस्म की चटनियों के साथ बनाया जाता है। इसकी चालीस के करीब किस्में प्रचलित हैं। इसकी ज्यादातर किस्में शाकाहारी हैं और यह एक सेहतमंद भोजन माना जाता है। इसके अलावा बुरेटा, फोकासिया, गिलेटो और पेंजानीला आदि प्रसिद्ध इतालवी भोजन जोकि सारी दुनिया में पसंद किए जाते हैं। हर देश के महानगरों में बड़े-बड़े रेस्तरां की शान बने हुए हैं। इतालवी भोजन की खास विशेषता यह है कि ज्यादातर भोजन बिना तड़के और तले बिना बनाये जाते हैं और तेज़ मिर्च-मसालों से भी बचाया जाता है, जो यह सेहत के लिए अच्छी माने जाते हैं। चाहे भारतीय रसोई विशेष करके पंजाबी, गुज़राती, राजस्थानी भोजन भी दुनिया में पसंद किए जाते हैं। लेकिन रेस्टरॉन में बने भारतीय खाने पचाने के लिए भारी, तले हुए और मसालेदार होते हैं। दूसरा तथ्य यह भी है कि भारतीय भोजन को खाने के लिए सहायक भोजन की आवश्यकता पड़ती है, जैसे रोटी या नान के साथ दाल या सब्ज़ी, आचार, सलाद या सरसों के साग के साथ मक्की की रोटी, लस्सी और कढ़ी के साथ चावल, ढोसे के साथ सांबर और नारियल की चटनी इत्यादि। लेकिन इतालवी भोजन अपने आप में एक सम्पूर्ण भोजन है। यही कारण है कि सारी दुनिया में भारतीय भोजन सिर्फ भारतीय रेस्तरां में मिलते हैं, लेकिन इतालवी भोजन इतालवी रेस्तरां के अलावा हर जगह उपलब्ध है। अगर भारतीय भोजन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के और कॉन्टीनेटल भोजन के साथ मुकाबला करना हो तो भारतीयों को इनके ऊपर ऐसे अन्य प्रयोग करने पड़ेंगे, जिनके साथ इनकी तासीर हल्की और सेहदमंद बने और यह इकलौते व्यंजन के तौर पर जाने जाएं। नि:संदेह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्वभाव और ध्यान में रखना बहुत ज़रूरी है।

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