रंगों के बारे में जानें

लाल : उत्तेजना, क्रोध, भूख, काम और उत्साह का रंग है लाल। इस रंग को देखते ही पीयूष ग्रन्थि सक्रि य हो जाती है और मांसपेशियां तन जाती हैं, यानी सारे भाव ऐसे कि सामने वाली चीज झपट ली जाए, इसलिए खाने, पीने से सम्बन्धित सारे उत्पादों के पैक पर फिर चाहे वह ब्रेड हो, मक्खन हो, सूप हो या बिस्कुट, लाल रंग जरूर होगा।
हरा : हरा रंग हरियाली और प्रकृति की याद दिलाता है। पर्यावरण के प्रति जागरूकता को तो हरा रंग प्राकृतिक चीजों से बने उत्पादों से जोड़ा जाने लगा। आजकल हरे रंग का मतलब है ऐसे उत्पाद जो स्वास्थ्य को कतई नुकसान न पहुंचायें और सीधे प्राकृतिक जड़ी बूटियों से जिसका निर्माण किया गया हो, इसीलिए अधिकतर जड़ी बूटियों से बने कॉस्मेटिक उत्पादों के पैक में हरे रंग का इस्तेमाल जरूर होता है।
सफेद : तेज चटख रंगों के बीच सफेद रंग देख शान्ति का अहसास होता है। शान्ति का झंडा भी इसीलिए सफेद रंग का होता है। असल में सफेद रंग आंखों और आंखों के जरिये दिमाग और दिमागी कल्पना को ठहराव का संदेश देता है। सफेद रंग का इस्तेमाल सबसे ज्यादा नीले लाल रंग के साथ होता है क्योंकि यह मन को सबसे ज्यादा लुभाता है।
नीला : नीले रंग का प्रयोग अधिकांश: सफेद रंग के साथ होता है। उत्पादकों के बीच एक कहावत मशहूर है कि अगर कोई चीज धड़ल्ले से बेचनी है तो उसे लाल-सफेद या नीले-सफेद रंग में पैक करो। आसमान की तरफ निहारना अथवा नीले रंग को देखना आंखों को ताजगी देता है। (उर्वशी)

— संजय कुमार चतुर्वेदी