कोरोना का असर दवा कारोबार पर पड़ना शुरू

लुधियाना, 16 फरवरी (सलेमपुरी) : चीन में फैले कोरोना वायरस जिसको अब कोविड-19 के नाम से जाना जाता है ने केवल चीन के कारोबार पर ही असर नहीं डाला, बल्कि इसका असर हर तरह के कारोबार के साथ-साथ दवाई कारोबार पर भी दिखाई देना शुरू हो गया है। हालांकि भारत सरकार का कहना है कि देश में अप्रैल तक दवाइयों का भंडार मौजूद है, जिस कारण घबराने की ज़रूरत नहीं है, जबकि जीवन रक्षक दवाई कारोबार से जुड़े विभिन्न कारोबारियों ने बताया कि भारत में जिनमें दवाइयों का कारोबार है का बड़ा हिस्सा चीन पर बहुत प्रभावित करता है, जिस कारण कोविड-19 का असर भारत पर पड़ना लाजमी है। उन्होंने बताया कि भारत में जितनी दवाइयां तैयार की जाती है से संबंधित विश्व भर के विभिन्न देशों से कच्चा माल मंगवाया जाता है, पर इस कच्चे माल का 30 प्रतिशत से अधिक हिस्सा केवल चीन से आता है, जोकि अन्य देशों के मुकाबले सस्ता भी होता है, जबकि देश में तैयार की जाने वाली दवाइयों में लगभग डेढ़ दर्जन के करीब दवाइयों की ऐसी किस्में है, जिनमें से सभी कच्चे माल चीन से प्राप्त होता है। दवाई कारोबारियों ने बताया कि चीन में फैली बीमारी  के कारण यहां भारत की दवाई अर्थव्यवस्था के हिल जाने से इन्कार नहीं किया जा सकता का असर लुधियाना सहित देश के विभिन्न शहरों में स्थापित दवाई मंडियों पर पड़ना शुरू हो गया है। तैयार सर्जिकल यंत्र जिसमें विशेष  तौर पर बुखार की जांच करने के लिए थर्मामीटर, सैंसर थर्मामीटर जो चेहरा देखकर बुखार बताते हैं, ब्लड प्रैशर जांच यंत्र, शूगर जांच यंत्र, मास्क और दस्ताने आदि यंत्र  शामिल हैं, का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा चीन से आता है, की कमी सामने आनी शुरू हो गई है। अस्पतालों में डाक्टरों और मरीज़ों के मुंह पर बांधने वाले मास्क जिसकी कीमत एक रुपए थी, अब वह 10 से 15 रुपए तक बिकना शुरू हो गया है, जबकि लुधियाना दवाई कारोबारियों के पास जो मास्क भंडार पड़ा था समाप्त होने की कगार पर है क्योंकि कारोबारियों ने यह मास्क दिल्ली के बाद उत्तरी भारत की सबसे अधिक दवाई मंडी लुधियाना से 7-8 रुपए में खरीद कर चीन को महंगा बेचना शुरू कर दिया है, क्योंकि चीन से अब माल नहीं आ रहा बल्कि भारत से सर्जिकल मास्क और दस्ताने भेजे जा रहे हैं। यदि चीन में जल्दी इस बीमारी पर काबू न पाया जा सका तो भारत में दवाइयों का कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो जाएगा, जिससे इनकी कीमतों में भारी वृद्धि हो जाने की संभावना है।