कर्मचारियों, राजनीतिक नेताओं को नहीं मिलेगी 200 यूनिट मुफ्त बिजली

जालन्धर, 20 फरवरी  ( शिव शर्मा ) : पंजाब सरकार ने कर्मचारियों, सेवामुक्त मुलाजिमों, राजनीतिक नेताओं को घरेलू क्षेत्र में मिलती 200 यूनिट मुफ्त मिलनी बिजली की सुविधा वापिस ले ली है। जिन खपतकारों का एक किलोवाट तक के कनैक्शन के ऊपर छूट मिलती थी और वह अपना बिजली का खर्चा दे सकते हैं, उनको आगे से यह सुविधा नहीं मिलेगी। एस.सी., बी.सी. के कमजोर वर्ग के लोगों को पहले की तरह मुफ्त बिजली की सुविधा पहले की तरह मिलती रहेगी। जिन खपतकारों को अब यह सुविधा नहीं मिलेगी, उनमें पूर्व और मौजूदा मंत्री, राज्य मंत्री, लोकसभा, राज्यसभा के मौजूदा सदस्य, विधायक, पूर्व व मौजूदा मेयर और ज़िला पंचायत के मौजूदा चेयरपर्सन शामिल हैं। उनके अलावा केन्द्र और राज्य सरकार के सेवामुक्त अफसर कर्मचारी शामिल है। जिन सेवामुक्त पैंशनरों को 10 हज़ार पैंशन मिलती है, आमदन कर की रिटर्न दाखिल करवाई गई है, उनसे भी यह सुविधा वापिस ली गई है। पावरकाम ने इस बारे सर्कुलर जारी कर दिया है। सरकार ने जिन लोगों की मुफ्त बिजली सुविधा वापिस ली है, उससे सरकार की सब्सिडी को अधिक फर्क नहीं पड़ेगा पर सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की धुंआधार जीत के बाद पंजाब सरकार अप्रैल से खपतकारों के ऊपर बिजली का अधिक भार डालने की इच्छा नहीं रखती है। इस कारण सरकार इस बार अप्रैल से खपतकारों के ऊपर अधिक भार डालने से पीछे हटने का फैसला ले सकती है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह पहले ही संकेत दे चुके हैं कि बिजली कंपनियों के साथ किए गए समझौतों बारे रिव्यू किया जा सकता है। इसके अलावा पॉवरकाम ने कुछ दिन पहले ही पंजाब बिजली अथारिटी कमिशन के पास एक सौंपी याचिका डाली है कि इस बार बिजली की खरीद कम होने पर पावरकाम का 500 करोड़ रुपये बचेगा, जिस कारण यह रकम बिजली दरों में वृद्धि के लिए शामिल न की जाए।