भारत में निवेश करने के इच्छुक अप्रवासी भारतीय नौकरशाही से भयभीत : संधू

चंडीगढ़, 21 फरवरी ( राम सिंह बराड़ )  : यूके के प्रमुख एनआरआई व प्रसिद्ध उद्योगपति मनजीत सिंह संधू का कहना है कि विदेशों में रहने वाले भारतीयों के मन में भारत में निवेश करने और युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर पैदा करने के लिए अक्सर ख्याल आता है और वे इसे अमलीजामा भी पहनाना चाहते हैं, लेकिन यहां की अफसरशाही और लालफीताशाही के व्यवहार से वे इतने भयभीत हैं कि वे निवेश करके बेवजह की परेशानी झेलने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि यहां पर निवेश करने के लिए इतनी परेशानियों से गुजरना पड़ता है कि अच्छे-अच्छे उद्योगपति न सिर्फ खुद तोबा कर देते हैं बल्कि अपने अन्य साथियों को भी यही सुझाव देते हैं कि भारत में निवेश करना बेवजह की परेशानी वाला काम है। मनजीत सिंह संधू ने चंडीगढ़ में ‘अजीत समाचार’ से बातचीत करते कहा कि उनका बचपन पंजाब व हरियाणा में गुजरा लेकिन जब भी निवेश करने का मन बनाते हैं तो यहां की अफसरशाही के व्यवहार के कारण उन्हें पीछे हटना पड़ता है। उन्होंने अप्रवासी भारतीयों के लिए वोटिंग के अधिकार सहित पूरी दोहरी नागरिकता दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि भारत से विदेशों में निवेश के लिए जो राजनेता व अधिकारी जाते हैं, वे भी निवेश के लिए कभी भी गंभीर नज़र नहीं आते। यूके में रियल एस्टेट के बड़े कारोबारी और विस्टास्टार लइयर पीएलसी, कोंटिनैंटल होटल, गोल्ड जिम चैन व सिटीकॉरप होल्डिंगस जैसी कंपनियों के चेयरमैन मनजीत सिंह संधू की गिनती यूके के 10 प्रमुख एशियाई कारोबारियों में होती है। प्रिंस चार्ल्स ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ कारोबारी के तौर पर नवाजा था। इन दिनों वे हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के उस प्रस्ताव पर अध्ययन कर रहे हैं जिसके अंतर्गत कृषि अवशेष पराली से गैस, बिजली व खाद का निर्माण किया जा सकता है और इससे पर्यावरण को सुधारने में भी मद्द मिल सकती है। मनजीत संधू के हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा, इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला से लेकर पंजाब के पूर्व मंत्री राणा गुरजीत सिंह के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी काफी अच्छे संबंध रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते मनजीत संधू को गुजरात में निवेश करने के लिए दो बार विशेष रूप से आमंत्रित किया था। उन्होंने कहा कि भारतीय नौकरशाही की चाल व व्यवहार हर काम में बाधा डालने वाली है और यहां का भ्रष्टाचार विदेशी निवेशकों को यहां आकर निवेश करने में सबसे बड़ी रुकावट है। उन्होंने कहा कि यहां का सिस्टम इतना खराब हो चुका है, जिसे देखकर बेहद निराशा और मायूसी होती है। वे अपने पुराने दोस्तों, गांव व ननिहाल के लोगों से मिलने अकसर हर साल यहां आते हैं और नियमित रूप से जरूरतमंदों की मद्द भी करते रहते हैं। उनके पिता आज़ाद हिन्द फौज में कैप्टन थे और वे सिंगापुर से होते हुए मात्र 3 पौंड लेकर लंदन पहुंचे थे और सर्दी में पहली रात रेलवे स्टेशन पर गुजारी थी। लंबे संघर्ष और मेहनत के बलबूते आज अनेक बड़ी-बड़ी कंपनियों के मालिक हैं और उनका कहना है कि उनके मन में हार्दिक इच्छा है कि वे अपने मूल भारत और विशेषकर पंजाब-हरियाणा में कोई बड़ा उद्योग लगाकर यहां के युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर पैदा कर सकें। उन्होंने कहा कि युवाओं में बढ़ रहे नशे की प्रवृत्ति से वे काफी चिंतित हैं लेकिन विदेशों विशेषकर इंग्लैंड में अनेक भारतीयों ने अपनी मेहनत, लगन और हौसले से ऊंचे मुकाम हासिल किए हैं और आज यहा बात वह दावे से कह सकते हैं कि जिस तरह से अप्रवासी भारतीय मेहनत, लगन और ईमानदारी से काम कर रहे हैं उससे जल्द ही ऐसा समय आएगा जब ब्रिटेन का प्रधानमंत्री कोई भारतीय मूल का व्यक्ति होगा। इन दिनों उनकी कंपनी कॉर्पोरेशन के लिए 4 हज़ार फ्लैट, शॉपिंग सैंटर और होटल तैयार करने जा रही है। जो कि बहुत बड़ा प्रोजैक्ट है। इसके अलावा उनकी कंपनी खुद के लिए 750 फ्लैट तैयार करने की योजना बना रही है। ताकि उन्हें किराए पर दिया जा सके। बेहद विनम्र स्वभाव के मनजीत संधू का कहना है कि जिंदगी में कभी सोचा भी नहीं था कि मानिके जैसे छोटे से गांव से उठकर यूके में इतना बड़ा मुकाम हासिल कर पाएंगे, इसके लिए वे अकालपुरख की ही कृपा मानते हैं और शुक्रगुजार हैं।