सामान भेजने के लिए बिल में नहीं लिखे जा सकेंगे गाड़ियों के गलत नंबर

जालन्धर, 22 फरवरी (शिव शर्मा) : कुछ लोगों द्वारा ऑनलाइन बिल तैयार करने के लिए कई कारों, स्कूटरों के नंबर भी लगने के मामले सामने आते रहे हैं, परंतु अब केन्द्र ने इस मामले में इस तरह के नंबरों को बिल में लिखने का काम बंद करने के लिए नई योजना लागू करनी शुरू कर दी है, जिसके तहत ऑनलाइन बिल तैयार करने वाले सॉफ्टवेयर को ट्रांसपोर्ट विभाग के सॉफ्टवेयर वाहन-4 के साथ जोड़ दिया गया है। अभी इसकी शुरुआत कर्नाटक से शुरू की गई है। धीरे-धीरे बाकी राज्यों में भी इस योजना को लागू कर दिया जाएगा। इस योजना के लागू होने के साथ कोई कारोबारी सामान भेजने के लिए ऑनलाइन बिल में किसी गाड़ी के नंबर का ज़िक्र करेगा कि उसने इस गाड़ी नंबर में सामान भेजा है और बाद में विभाग इस नंबर को ट्रांसपोर्ट विभाग के सॉफ्टवेयर  वाहन-4 से जानकारी ले सकेगा कि जिस गाड़ी का नंबर ऑनलाइन बिल में भरा गया है, वह नंबर किस गाड़ी का है। जी.एस.टी. प्रणाली लागू होने से पहले वैट में पंजाब में इस तरह के मामले सामने आए हैं, जबकि उस समय के वैट विभाग ने जाली खरीदो-फरोख्त के मामले पकड़े थे तो उसमें सामान भेजने के लिए गाड़ी का नंबर दर्शाए गए हैं। उनकी बाद में जांच की गई थी तो कोई नंबर स्कूटर और यहां तक कि कारों के नंबर निकले हैं। केन्द्र की इस योजना के साथ तो आने वाले समय में सामान भेजने वाले बिलों में गलत नंबरों का ज़िक्र नहीं किया जा सकेगा। जब सारे देश में यह योजना लागू होती है तो सिर्फ व्यापारिक गाड़ियों का ही बिल में ज़िक्र करना होगा। कर्नाटक में इस योजना को लागू किया गया है तो ऑनलाइन बिल को सॉफ्टवेयर वाहन-4 के साथ इस करके जोड़ दिया गया है, क्योंकि कारोबारी जो भी नंबर बिल में भरेंगे तो विभाग को ऑनलाइन जानकारी मिल जाएगी कि बिल में जो नंबर भरा गया है, वह किस गाड़ी का है। ट्रांसपोर्ट विभाग का वाहन-4 में गाड़ियों की सारी ताज़ा जानकारी अपडेट रहती है।