डी.जी.पी. व आशु के विरुद्ध विधानसभा में भारी हंगामा

चंडीगढ़, 24 फरवरी (हरकंवलजीत सिंह, विक्रमजीत सिंह मान): पंजाब विधानसभा में आज राज्य के डीजीपी श्री दिनकर गुप्ता द्वारा दिए गए विवादित बयान व कैबिनेट मंत्री श्री भारत भूषण आशू विरुद्ध पंजाब पुलिस के एक अधिकारी द्वारा आतंकवादियों से कथित संबंधों के आरोपों को लेकर आम आदमी पार्टी व अकाली दल के विधायकों द्वारा आज सदन की कार्रवाई न चलने दी गई व बैठक के दौरान स्पीकर की कुर्सी के सामने धरना देकर ज़ोरदार नारेबाज़ी की जाती रही व सदस्यों को दिए गए कागज़ भी फाड़ कर स्पीकर की कुर्सी के नीचे फैंके जाते रहे। स्पीकर को इस शोरगुल के कारण 3 बार विधानसभा की बैठक रद्द करनी पड़ी व विपक्षी सदस्यों द्वारा सदन की कार्रवाई रिकार्ड करने वाले विधानसभा के रिपोर्टरों के स्पीकरों की तारें खींच दिए जाने के कारण स्पीकर द्वारा पहले तो आप व अकाली दल के विधायकों को चेतावनी दी गई व बाद में स्पीकर राणा के.पी. सिंह द्वारा दोनों पार्टियों के विधायकों का नाम लेते उनको सदन से बाहर निकालने का आदेश देते हुए मार्शल को यह सारे विधायकों को बाहर निकालने का आदेश देकर सदन की बैठक रद्द कर दी गई। मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सदन से गैरहाजिरी के कारण स्पीकर राणा के.पी.सिंह को बार बार यह कहते रहे कि मुख्यमंत्री को वह विनती करेंगे कि वह कल सदन में इन दोनों मुद्दों पर सरकार द्वारा बयान दें।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जिन के पास गृह विभाग का चार्ज है, वह ही इस संबंधी किसी तरह का कोई बयान देने के लिए अधिकृत हैं, लेकिन विपक्षी सदस्य आज काफी गुस्से व रोष में थे जिन्होंने स्पीकर के किसी आदेश की कोई परवाह नहीं की। सदन में हालांकि पंजाब पुलिस से डैपूटेशन पर लिए 150 पुलिस कर्मचारी सफेद कपड़ों में वाच एंड वार्ड द्वारा हाज़िर थे व जिनमें पुलिस की कोई 50-60 लड़कियां भी थीं, ने सरकार द्वारा सदस्यों विरुद्ध ऐसी सख्त कार्रवाई न किए जाने की सलाह के कारण सदस्यों को जब्री बाहर निकालने की कार्रवाई रोक दी गई हालांकि विधानसभा की सुरक्षा के डीआईजी रणबीर सिंह खट्टरा भी अपने अधिकारियों व स्टाफ के साथ सदन के अंदर आ गये थे व कुछ आप सदस्यों की धरपकड़ भी शुरू हो गई थी जिसका कि अकाली दल के विधायकों ने भी कड़ा विरोध किया व सरकारी पक्ष द्वारा यह भी महसूस किया गया कि ऐसी कार्रवाई को लेकर सदन में भारी धक्का मुक्की व झगड़ा होगा व सदस्यों को चोटें भी लग सकती हैं, जिसका सरकार विरुद्ध तीखा प्रचार हो सकता है। 15 मिनट के बाद जब स्पीकर सदन में लौटे तो वह सदस्यों को सदन से बाहर निकालने के अपने फैसले पर अड़े हुए थे व उन्होंने कहा कि वह विधानसभा का साजोसामान तोड़ने की किसी कीमत पर भी इजाज़त नहीं दे सकते, लेकिन कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने स्पीकर को विनती की कि सदन की कार्रवाई अच्छे ढंग से चलती रहे है व वह महसूस करते हैं कि विपक्षी सदस्यों को सदन से जब्री नहीं निकाला जाना चाहिए व वह स्पीकर को बेनती करेंगे कि वह अपना यह फैसला वापिस लें।
संसदीय मामलों बारे मंत्री श्री ब्रह्म महिन्द्रा ने भी स्पीकर राणा के.पी. सिंह को कहा कि विपक्ष के सदस्यों विरुद्ध ऐसी सख्त कार्रवाई न की जाए क्योंकि पंजाब विधानसभा में अब तक सख्त कार्रवाई से गुरेज़ किया जाता रहा है। उन्होंने स्पीकर को विनती की कि विपक्षी सदस्यों को चेतावनी देकर छोड़ दिया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सदन में कल हाज़िर होंगे व उनके बयान के बाद विपक्षी सदस्यों को उनका जवाब मिल जायेगा। विधानसभा की यह बैठक जिस में राज्यपाल पंजाब के भाषण पर बहस चल रही थी स्पीकर द्वारा समये से पहले ही सायं 5.38 पर बैठक कल सुबह 10 बजे तक उठाने की घोषणा कर दी गई। सदन में आज बाद दोपहर 2 बजे बैठक शुरू होने के तुरंत बाद ही आम आदमी पार्टी व फिर अकाली दल द्वारा डीजीपी व भारत भूषण आशू के मुद्दे को लेकर नारेबाज़ी शुरू कर दी गई थी व शोर शराबे के दौरान केवल 3 सवालों के ही जवाब दिए गए थे कि सदन में उस समय हालात काफी बिगड़  गये जब अकाली दल के स. बिक्रम सिंह मजीठिया ने डीजीपी के बयान के लिए गांधी परिवार व कांग्रेस की सोच को जिम्मेवार ठहराना शुरू कर दिया। जिस पर कांग्रेसी सदस्यों द्वारा तीखा विरोध हुआ व ऐसा भी लगा कि कांग्रेस विधायिक स. कुलबीर सिंह जीरा व राणा गुरजीत सिंह भी आपस में भिड़ गये व शोर शराबे के दौरान एक दूसरे की बढ़ते नज़र आये लेकिन कांग्रेस विधायक परमिंदर सिंह पिंकी द्वारा दोनों को शांत किया गया।
राज्यपाल के भाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव : सदन में शोर शराबे के दौरान ही राज्यपाल के भाषण संबंधी कांग्रेस विधायक हरमिंदर सिंह गिल द्वारा धन्यवाद का प्रस्ताव पेश किया गया, जिसकी पुष्टि डा. राजकुमार चब्बेबाल द्वारा की गई । प्रस्ताव पर बोलते हुए स. संधू ने आरोप लगाया कि अकाली सुल्तानपुर लोधी में हुए शताब्दी समागमों के नाम पर शिरोमणि कमेटी के पैसे खा गये व 3 मिनट के लिए एक लेज़र शो के लिए 1.75 करोड़ की अदायगी की गई।
विधानसभा में प्रश्नकाल : आज पंजाब विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक सतकार कौर के सवाल के साथ शुरू हुआ जिसमें उन्होंने पूछा कि क्या नगर पंचायत ममदोट, नगर पंचायत मुदकी व नगर कौंसिल तलवंडी भाई हलका फिरोज़पुर देहाती के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मुहैया करवाने का कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन है, जिसके जवाब में स्थानीय सरकार बारे मंत्री ने सदन में बताया कि फिलहाल सरकार का ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। एक अन्य सवाल जो कि विधायक निर्मल सिंह द्वारा किया गया था कि क्या सामाजिक न्याय, अधिकारिकत व अल्पसंख्यक मंत्री व सरकार गरीब लड़कियों की शीद में दी जाती शगुन राशि आर.टी.जी. एस.डी. जगा चैक द्वारा देने पर विचार करेगी। इसके जवाब में मंत्री साधू सिंह धर्मसोत ने कहा कि सरकार का ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं क्योंकि शगुन स्कीम की राशि सीधी लाभपात्रियों के खाते में जाती है।
मुख्यमंत्री चंडीगढ़ में होने के बावजूद सदन से गैरहाज़िर रहे : मुख्यमंत्री पंजाब जो पंजाब विधानसभा की बैठक से पहले चंडीगढ़ पहुंचे थे व उनका पहले विधानसभा आने का कार्यक्रम भी था, लेकिन विधानसभा में विपक्ष द्वारा शोर शराबा होने की मिली सूचना के बाद उन्होंने विधानसभा में हाज़िर होने संबंधी फैसला बदल लिया। मुख्यमंत्री निवास के सामने जब वह हैलीकाप्टर से उतरे तो पहले उन्होंने राज्य के डीजीपी व अपने चीफ प्रमुख सचिव श्री सुरेश कुमार से बातचीत की व फिर विधानसभा आने की स्थान पर न्यू चंडीगढ़ अपने फार्महाऊस में चले गये।
खैहरा व उनका गुट बैठा रहा : आम आदमी पार्टी से बागी स. सुखपाल सिंह खहरा व आज सदन में हाज़िर थे व उनके समर्थक दूसरे विधायक जगदेव सिंह कमालू, नाजर सिंह मानशाहिया, निर्मल सिंह व कंवर संधू भी उनके साथ ही बैठे रहे व दूसरे आप विधायकों के साथ स्पीकर की कुर्सी के सामने धरने में भी शामिल नहीं हुए व सदन की बैठक उठने से कुछ समय पहले ही सदन से चले गये।