दिल्ली में जीत के बाद हरियाणा में तेज हुई आम आदमी पार्टी की गतिविधियां


आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत के बाद पार्टी की गतिविधियां हरियाणा में बढ़ा दी हैं। चुनावी नतीजे आने के साथ ही आम आदमी पार्टी के राजयसभा सांसद सुशील गुप्ता ने हरियाणा में बैठकों की संख्या व सक्रियता बढ़ा दी है। आम आदमी पार्टी ने देशभर में राष्ट्र निर्माण अभियान छेड़ा है और सांसद सुशील गुप्ता को आम आदमी पार्टी के राष्ट्र निर्माण अभियान का हरियाणा प्रदेश संयोजक नियुक्त किया गया है। आम आदमी पार्टी का दिल्ली फतेह के बाद अगला निशाना अन्य राज्यों के साथ-साथ हरियाणा भी है। ‘आप’ के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खूद हरियाणा के सिवानी कस्बे से संबंध रखते हैं और उनका बचपन वही बीता है, और शुरुआती शिक्षा भी हिसार से हासिल की है। इस बार दिल्ली विधानसभा के चुनाव जीतने वाले कई ‘आप’ विधायक व मंत्री भी हरियाणा से संबंधित हैं। अभी तक ‘आप’ को हरियाणा में अपेक्षित कामयाबी नहीं मिली है। दिल्ली के चारों तरफ हरियाणा लगता है और आम आदमी पार्टी अब हरियाणा के लोगों को दिल्ली मॉडल से प्रभावित करके यहां अपने पैर जमाने की कोशिश में है। सुशील गुप्ता ने इसी दिल्ली मॉडल को प्रदेश के हर घर तक पहुंचाने के लिए जो रोडमैप तैयार किया है, उसके तहत दिल्ली के स्कूलों, अस्पतालों के साथ-साथ दिल्ली के लोगों को मिलने वाली 200 यूनिट फ्री बिजली, मुफ्त पानी, महिलाओं को बसों में मुफ्त यात्रा जैसी सुविधाओं का उल्लेख करके वे हरियाणा के लोगों को आकर्षित करने के प्रयासों में जुटे हुए हैं। 
बजट से भारी उम्मीदें
हरियाणा विधानसभा में इस बार 28 फरवरी को प्रदेश का बजट पेश होगा। वित्त विभाग क्योंकि मुख्यमंत्री के पास है, इसलिए बजट भी खुद मुख्यमंत्री ही पेश करेंगे। बजट से पहले मुख्यमंत्री ने जिस तरह से विधायकों, सांसदों, रियल एस्टेट कंपनियों, उद्योगपतियों, कृषि विश्वविद्यालय के नुमाइंदों व व्यापारी नेताओं के साथ गहन और व्यापक चर्चा की है, उससे प्रदेश के लोग बजट से काफी ज्यादा उम्मीदें लगाए हुए हैं। प्रदेश की आर्थिक हालत ज्यादा ठीक नहीं और प्रदेश पर लगातार बढ़ रहे कर्जेे के बोझ से आज सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की स्थिति में भी नजर नहीं आती। सरकार को कर्जे की किस्तें व कर्ज पर ब्याज चुकाने के लिए भी कर्ज लेने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में समाज के विभिन्न वर्गों को बजट से लगी उम्मीदों को पूरा कर पाना आसान नहीं लगता। इसी बीच प्रदेश के कर्मचारी संगठनों ने भी बजट से पहले कर्मचारी प्रतिनिधियों से सुझाव न लेने व उनसे विचार-विमर्श न करने को लेकर सरकार के प्रति गहरी नाराजगी जताई है। प्रदेश के सबसे बड़े कर्मचारी संगठन सर्व कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुभाष लाम्बा ने तो इस पर कड़ा रोष जताते हुए यहां तक कहा कि कर्मचारी संगठनों से बजट बारे चर्चा न किए जाने से साफ है कि प्रदेश का कर्मचारी वर्ग सरकार की प्राथमिकता में शामिल ही नहीं है। अब बजट से सरकार किस-किस वर्ग को खुश कर पाएगी, यह तो 28 को पता चलेगा, लेकिन इस बार लोगों को प्रदेश सरकार के बजट से काफी उम्मीदें हैं। 
जल्द बनेंगे भाजपा के नए जिला व प्रदेशाध्यक्ष
भारतीय जनता पार्टी ने इस बार रायशुमारी से प्रदेश के नए मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति की है। अब रायशुमारी से ही भाजपा प्रदेश के सभी जिलों में पार्टी के जिला अध्यक्ष नियुक्त करने जा रही है। पार्टी संगठन चुनावों को लेकर बीते दिन मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में मुख्यमंत्री मनोहरलाल व भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला से लेकर भाजपा के संगठन महामंत्री सुरेश भट्ट, सांसद व प्रदेश महामंत्री संजय भाटिया व प्रदेश महामंत्री संदीप जोशी और एडवोकेट वेदपाल सहित अनेक प्रमुख नेता मौजूद थे। बैठक में तय किया गया कि जिला स्तर पर पार्टी कार्यकर्त्ताओं से सलाह मशविरा करके पार्टी के सभी जिलों में नए जिलाध्यक्ष नियुक्त जाएं। जिलों में कार्यकर्त्ताओं से सलाह मशविरा करने के लिए सभी जिलों के लिए 22 जिला पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए। इनमें पार्टी के विधायकों से लेकर पूर्व मंत्रियों तक शामिल हैं। जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बाद भाजपा नया प्रदेशाध्यक्ष भी नियुक्त करेगी। मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला के स्थान पर नया अध्यक्ष बनाए जाने के लिए अभी से विचार विमर्श शुरू हो गया है। 
पिछले विधानसभा चुनाव में सुभाष बराला अपने टोहाना हल्के से जेजेपी उम्मीदवार देवेंद्र बबली के मुकाबले 52 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से हार गए थे। इस बार पूर्व कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ व पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के अलावा पूर्व शिक्षा मंत्री और कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी के नाम पर प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए मंथन किया जा रहा है। इनमें नायब सिंह सैनी का नाम सबसे प्रमुख दावेदार के तौर पर सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि धनखड़, अभिमन्यु व राम बिलास शर्मा ये तीनों जल्द भरी जाने वाली राज्यसभा सीटों के लिए प्रयासरत हैं। इनमें से कोई दो नेता राज्यसभा टिकट पाने में सफल हो सकते हैं। वैसे नए प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सहमति सबसे अहम होगी। मनोहर लाल भी कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी के पक्ष में बताए जा रहे हैं। पूरी स्थिति अगले कुछ दिनों में साफ होने की उम्मीद है। 
दान की जमीनों के मालिकाना हक को लेकर विवाद
हरियाणा की पिछली कांग्रेस सरकार ने 2010-11 में एक कानून बनाकर ब्राह्मण समाज सहित 6 जातियों को धौली (दान में मिली) जमीनों का मालिकाना हक प्रदान किया था। उस समय 500 रुपए प्रति एकड़ की दर से इन जमीनों का मालिकाना हक देते हुए उन्हें अपने नाम करवाने की पेशकश की गई थी। अब इसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कुछ लोगों ने ये जमीनें उसी समय अपने नाम करवा ली थीं, लेकिन कुछेक जमीनें अभी लोगों के नाम हो नहीं पाई थीं। इन जमीनों पर ब्राह्मण समाज सहित 6 जातियों के लोगों का कब्जा है और वे इन जमीनों पर या तो खेती कर रहे हैं या रह रहे हैं। 
कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए कानून में लाभ पाने वाले दोहलीदार (दान में दी गई जमीन वाले) व भोंडेदार (भूमि की रखवाली करने वाले) परिवारों को इसमें लाभ देने का प्रावधान किया गया था। इसी के तहत 500 रुपए प्रति एकड़ की दर से फीस तहसील कार्यालय में जमा करवाकर मालिकाना हक प्राप्त करने की प्रक्रिया तय की गई। अक्तूबर 2018 में सरकार द्वारा जिला उपायुक्तों को पत्र भेजकर ऐसे सभी पात्र व जमीन का मालिकाना हक रखने वाले लोगों का डाटा तैयार करवाए जाने का आदेश दिया गया। इससे अभी तक जिन लोगों के नाम पर जमीन दर्ज नहीं हुई थी, उससे विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला व पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से लेकर कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स, पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा व कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने भी इस मामले में सरकार को घेरते हुए तीखे आरोप लगाए हैं। बताया जाता है कि कुछ सरकारी जमीनों पर कब्जे को लेकर विवाद चल रहा है। इस पर अभी स्थिति साफ होनी है। यह विवाद काफी गंभीर रूप धारण करता जा रहा है और इस बार प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में यह मुद्दा भी जोर शोर से उठने के आसार बन गए हैं। 
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