डीजीपी नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें : ज्ञानी हरप्रीत सिंह


अमृतसर, 25 फरवरी (राजेश कुमार) : पाकिस्तान स्थित साका श्री ननकाना साहिब के शहीदों की याद में मनाये गुरमति समारोह में भाग लेकर स्वदेश लौटे श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने डीजीपी पंजाब द्वारा गुरूद्वारा श्री करतारपुर साहिब को लेकर दिए विवादित बयान को निंदनीय करार देते हुए डीजीपी पंजाब को नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा देने के लिए कहा है। आज यहां वाघा बार्डर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए सिंह साहिब ने कहा कि डीजीपी पंजाब एक ज़िम्मेवारी वाले पद पर बैठे हैं और उनके द्वारा श्री करतारपुर साहिब में जाने वाले प्रत्येक सिख को लेकर दिए विवादित बयान से दुनिया भर के सिखों के मनों को भारी ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि अगर 6 घंटों में कोई सिख पाकिस्तान से लौटकर यहां आतंकवादी बन सकता है तो हम वहां 5 दिन बिताने के बाद भी आतंकवादी क्यों नहीं बने। चाहे डीजीपी पंजाब ने अपने इस बयान को लेकर माफी मांग ली है लेकिन इससे सिखों के मनों को शांति नहीं मिलेगी। उन्हें नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। ढ़डरीयां वाले द्वारा स्टेजें न लगाने को लेकर आए बयान पर बोलते हुए ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि ढ़डरीयां वाले को चाहिए कि वह अपने इस फैसले की बजाए श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा गठित पांच सदस्यीय कमेटी के साथ बैठकर मसले का बातचीत से हल निकाले। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग ढ़डरीयां वाले को नकली निरंकारी बनाकर सिखों के सिर पर बैठाना चाहते हैं। साका श्री ननकाना साहिब के शहीदों की अगले वर्ष मनाई जाने वाली शताब्दी संबंधी उन्होंने कहा कि इस शताब्दी को विश्व स्तर पर मनाया जाना चाहिए। इस संबंध में उनकी पाकिस्तान गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के साथ भी बातचीत हुई है और उन्होंने साका श्री ननकाना साहिब के शहीदों की शताब्दी को बड़े स्तर पर मनाने की सलाह दी है ताकि पूरी दुनिया के सिख श्री ननकाना साहिब में इक्ट्ठे होकर शहीदों को याद कर सकें। 
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक  भाईचारे की मौजूदा हालत पर बोलते हुए सिंह साहिब ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक भाईचारे के लोग बहुत खुश हैं और वहां की सरकार भी उनकी हरसंभव मदद भी कर रही है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने आगे कहा कि  पाकिस्तान सरकार जल्द ही गुरुद्वारा भाई तारू सिंह तथा गुरुद्वारा भाई मनी सिंह जी को संगतों के दर्शन के लिए खोलने जा रही है जो सिख भाईचारे के लिए बहुत ही खुशी की बात है। उन्होंने इस फैसले का स्वागत भी किया। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा श्री पंजा साहिब, गुरुद्वारा डेरा साहिब लाहौर, गुरुद्वारा बाबे दी बेर सियालकोट, गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब आदि के दर्शन दीदार किए गए।