‘महिला मार्च’ को ़गैर-इस्लामिक करार रोक का नोटिस जारी

अमृतसर, 25 फरवरी (सुरिन्दर कोछड़) : लाहौर हाईकोर्ट ने ‘महिला मार्च’ को राज विरोधी और ़गैर-इस्लामिक करार देते हुए पाकिस्तान की संघीय और प्रांतीय सरकारों को इस पर पाबंदी लगाने संबंधी नोटिस जारी किया है। वर्णनीय है कि 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मौके पर पाकिस्तान के कई हिस्सों में ‘महिला मार्च’ द्वारा विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया गया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मामून राशिद शेख ने एडवोकेट अज़हर सिद्दकी की याचिका पर यह निर्देश जारी किए हैं। याचिका में कहा गया है कि महिला मार्च गलत है और महिलाओं द्वारा पेश किए गंभीर मुद्दों को उठाने की असफल कोशिश है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि सैकड़ों महिलाएं एक बार फिर 8 मार्च को पाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए मार्च निकालेंगी। इसमें अलग-अलग संदेशों को प्रदर्शित करने वाली तख्तियों के साथ कथित अफरा-तफरी और अश्लीलता को प्रदर्शित किया जाएगा। सिद्दीकी ने अपनी याचिका में मार्च को इस्लाम विरोधी बताते हुए दावा किया है कि कुछ विरोधी राजनीतिक दल इस महिला मार्च को लोगों में अफरा-तफरी फैलाने के उद्देश्य के साथ फंडिंग कर रहे हैं। सिद्दीकी ने कहा कि महिला दिवस का मूल उद्देश्य महिलाओं को उनकी प्राप्तियों के लिए मान्यता देना और उनकी प्रशंसा करना है। 
याचिका में अदालत से विनती की गई है कि सोशल मीडिया से महिला मार्च को इश्तिहार को बंद करवाने और मार्च जैसे विरोधी प्रदर्शनों को रोकने के लिए सरकार को निर्देश दिए गए हैं।