दिल्ली में एक और 1984 नहीं होने देंगे - हाई कोर्ट 

नई दिल्ली, 26 :  (जगतार सिंह)  दिल्ली हिंसा में शामिल लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग वाली एक याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। इसमें कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने अभी तक भड़काऊ भाषणों का वीडियो तक नहीं देखा है। इसी बीच कोर्ट में कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के वीडियो भी चलाए गए। पुलिस ने कहा था कि उन्होंने कपिल मिश्रा का वीडियो नहीं देखा, इस पर कोर्ट ने वीडियो में पुलिसवालों के बगल में खड़े होने पर भी सवाल उठाए और फटकार लगाई। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि हम दिल्ली में एक और 1984 नहीं होने देंगे। हिंसा को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाने की ज़रूरत है। लोगों को यह भरोसा होना चाहिए कि वे सुरक्षित हैं। लोगों से बातचीत करके हालात सामान्य बनाने की कोशिश की जाए। अमन कमेटी को लोगों से बात करने के लिए भेजा जाए। पीड़ितों के लिए दिल्ली सरकार मुआवज़ा सुनिश्चित करे। जल्द से जल्द अधिकारियों को प्रभावित इलाकों में जाना चाहिए। हाई कोर्ट ने बातें उस याचिका पर सुनवाई करते हुए कही हैं, जो दिल्ली पुलिस ने दायर की थी। इसमें मांग की गई थी कि संशोधित नागरिकता कानून को लेकर उत्तरपूर्वी दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में भड़की सांप्रदायिक हिंसा में शामिल लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार करने की इजाज़त दी जाए। न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने कहा था कि तथ्यों से वाकिफ वरिष्ठ स्तर का एक पुलिस अधिकारी कोर्ट के समक्ष पेश हो।