करतारपुर गलियारा राजनीति के मतभेदों को कम करने में निभा रहा बड़ी भूमिका : शाज़िया अता

अमृतसर, 26 फरवरी (सुरिन्द्र कोछड़) : पाकिस्तान द्वारा गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए पहुंची पाकिस्तान पीपल्ज़ पार्टी (पी.पी.पी.) की एम.एन.ए. (सदस्य नैशनल असैम्बली)  बीबी शाज़िया अता और एनी मरी ने आज गुरुद्वारा साहिब के दर्शन करने दौरान पंगत में बैठकर लंगर भी छका। उन्होंने करतारपुर गलियारे को ‘अमन के पुल’ का नाम देते हुए कहा कि यह गलियारा दोनों देशों में राजनीतिक और सीमा मतभेदों को कम करने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने गुरुद्वारा साहिब में छकाए जाने वाले लंगर को आपसी भाईचारक सांझ, समानता, रूहानियत की शमूलियत का प्रतीक बताते हुए कहा कि जहां लंगर ज़रूरतमंदों  की भूख शांत करता है, वहीं  संगत में बैठकर छका लंगर धर्मों पर जात-पात का भेद भी मिटाता है गुरुद्वारा साहिब पहुंचने पर बीबी शाजिया अता का स्वागत करते हुए एम.पी.ए. स. रमेश सिंह अरोड़ा ने उनको गुरु घर की बख्शीश सिरोपा  और यादगारी चिन्ह भेंट किया। फ्रंटियर वर्कज़र् आर्गेनाइजेशन (एफ.डब्ल्यू.ओ.) के अधिकारियों ने बताया पाक सरकार द्वारा धार्मिक पर्यटन को उत्साहित करने के लिए पाक के आम मुस्लिम नागरिकों को गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब करतारपुर साहिब में आने की दी मंजूरी के बाद मुरीदके-नारोवाल सड़क के रास्ते गुरुद्वारा साहिब के दर्शनों के लिए जाने वाले पाक विज़िटर की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने बताया कि रविवार और अन्य छुट्टी वाले दिनों में प्रतिदिन 8-10 हज़ार पाक के मुस्लिम विज़िटर गुरुद्वारा साहिब में पहुंच रहे हैं। कीर्तनी जत्थे साज नहीं लेकर जाएंगे पाक : पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पी.एस.जी.पी.सी.) ने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब में कीर्तन के लिए जब चाहे अपने जत्थे भेज सकते हैं, पर कीर्तनी जत्थे अपने साथ हारमोनियम, तबला, आदि साज नहीं लेकर जा सकते। इसके अलावा उन्हें साधारण यात्रियों की तरह शाम के समय वापस लौटना होगा और उनको रात गुरुद्वारा में रूकने की मंजूरी नहीं होगी।