सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायकों ने पंजाबी के हक में की आवाज़ बुलंद

पंजाब जागृति मंच, सरबत का भला चैरीटेबल ट्रस्ट और पंजाब कला परिषद् द्वारा मां-बोली के हक में किए गए पंजाबी जागृति मार्च के बाद देश भगत यादगार हाल में करवाए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान प्रसिद्ध प्रसिद्ध पंजाबी गायकों ने मां-बोली पंजाबी के हक में आवाज़ बुलंद करते हुए उपस्थिति को पंजाबी से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। पंजाबी विरसे के वारिस मनमोहन वारिस ने अपने हिट गीत ‘बच्चियां को दसिया पंजाब कीहनूं कहिंदे ने’ द्वारा देश-विदेश में रहते पंजाबियों को निमंत्रण दिया कि वह अपने बच्चों को पंजाब अमीर विरसे और संस्कृति से जोड़ने के लिए लगातार प्रयत्नशील रहे। इसके साथ ही उन्होंने पंजाबियों को अपनी तहजीब को न भूलने की नसीहत देते हुए अपने चर्चित गीत ‘ना कढिए मां दी गाल कदे न धी नू माड़ा बोलिदा’ से समाज को सही दिशा देने का प्रयास किया है। गायक कमल हीर ने अपनी गीत ‘जान नालों वी प्यारी सानूं इह पंजाबी ए’ के साथ मां-बोली पंजाबी प्रति अपनी सच्ची भावना का प्रकटावा किया। प्रसिद्ध सूफी गायक सतिंदर सरताज ने मां-बोली प्रति अपना सतकार प्रकट करते हुए जहां अपने गीत ‘मैं गुरमुखी दा बेटा मैनूं तोरदे ने अक्खर’ द्वारा मातृ भाषा की अहमियत से अवगत करवाया और पंजाबियों को अपनी मां-बोली से जुड़ने का आह्वान किया। उनके गीतों पर नौजवान लड़के-लड़कियां ही नहीं बल्कि हर आयु के लोगों ने भंगड़ा डालकर खुशी का प्रकटावा किया। इस तरह पंजाबी गायक सरबजीत चीमा ने भी मां बोली पंजाबी के सतकार में अपना गीत ‘मेरी मां बोली पंजाबी नूं मेरी मां वरगा सतकार दिओ’ पेश कर उपस्थिति का भरपूर प्यार तालियों के रूप में कबूल किया। उनके द्वारा पेश किए गए अपने मकबूल गीत रंगला पंजाब ने सभी को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। सूफी गायक लखविंदर वडाली ने ‘जुगनी’ व अन्य अपने प्रसिद्ध गीतों से दर्शकों झूमने के लिए मजबूर कर दिया। मां-बोली से दूर होती जा रही नई पीढ़ी व खासकर पर बच्चों को पंजाबी भाषा से जुड़ने के लिए निर्मल सिद्धू  द्वारा अपना नया गीत ‘उड़ा, ऐड़ा, इड़ी, ससा, हाहा. पढ़ना, गुरुओं की वाणी का पल्ला फड़ना’ पेश किया। इस मौके पर उन्होंने पंजाबियों की शख्सियत के विभिन्न पहलुओं का जिक्र करते हुए अपना बहुत ही प्रसिद्ध गीत ‘जित्थे जान पंजाबी वखरी टोहर बना लेंदे’ पेश कर दर्शकों का खूब प्यार बटोरा। पंजाबी गायक दलविंदर दयालपुरी ने ‘रहू चमकदा दुनिया’ ते ना पंजाबी दा’ द्वारा जहां मां-बोली पंजाबी की बेहतरी के लिए कामना की, वहीं पंजाबियों को अपनी मां-बोली से जुड़ने के लिए प्ररित किया। नए उभर रहे गायक अनादी मिश्रा  ने ‘नित खैर मंगा सोहनिया मैं तेरी’ से अपनी हाज़िरी लगवाई। इस मौके पर एच.एम.वी. कालेज की छात्राओं ने पंजाब के लोग साजों से पंजाबी सभ्याचार की ऐसी तार छेड़ी कि श्रोता झूम उठे।