बजट में वैट रिफंड जारी करने के लिए राशि रखनी तो दूर वित्त मंत्री ने नाम तक नहीं लिया

लुधियाना, 28 फरवरी (पुनीत बावा): पंजाब सरकार से वैट रिफंड मिलने की उम्मीद लगाए बैठे प्रदेश के उद्योगपतियों की उम्मीदों पर वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल द्वारा पेश किए गए बजट ने पानी फेर दिया है। वित्त मंत्री ने वैट रिफंड के लिए बजट में राशि रखने या वैट रिफंड जारी करने की बात कहनी तो दूर, बल्कि बजट में वैट रिफंड का नाम तक नहीं लिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार समय का पंजाब सरकार की ओर प्रदेश के उद्योगपतियों का करोड़ों रुपए का रिफंड बकाया पड़ा है। पिछले 3 बजटों में पंजाब के उद्योगपतियों को वैट रिफंड देने की बात कही जाती रही है। उद्योगपतियों को वैट रिफंड की राशि मिली भी है परंतु वर्ष 2020-2021 के बजट में वैट रिफंड बारे कोई बात नहीं की गई। पंजाब सरकार द्वारा आरटीए के जवाब में पंजाब के उद्योगपतियों का 50 से 60 करोड़ रुपए का बकाया होने की बात कही गई है परंतु वास्तव में यह राशि इससे कई गुणा अधिक है। उद्योगपतियों को बजट से वैट रिफंड मिलने की उम्मीद थी, जिसे वित्त मंत्री ने तोड़ दिया है।वित्त मंत्री बादल ने कुछ समय पहले अपने लुधियाना दौरे के दौरान पंजाब के उद्योगपतियों के वैट रिफंड के मामलों की पड़ताल करवाने का काम बंद करने का दावा किया था। परंतु बजट में बादल ने 2013-14 से 2016-17 दौरान 1 लाख 24 हज़ार मामलों की पड़ताल करने की बात कहकर अपनी ही बात से पलटी मार दी है। वित्त मंत्री ने अब 1 लाख 24 हज़ार मामलों में से 1 से 50 लाख रुपए का लेन-देने करने वालों को छोड़कर बाकी 30 हज़ार मामलों की पड़ताल करने की बात कही है जिसमें से भी हर वर्ष 8 हज़ार मामलों का निपटारा करने की बात कही गई है। कई वर्षों से वैट रिफंड लेने के लिए मिन्नतें कर रहे उद्योगपतियों व कारोबारियों को अब 5 साल तक इंतज़ार करना पड़ेगा।पंजाब सरकार की ओर उद्योपगतियों की 1978, 1987, 1996, 2003 की सब्सिडी की राशि बकाया पड़ी है। जो राशि वित्त मंत्री ने जारी करने का ऐलान किया है। बड़ी हैरानी की बात है कि 40 से 17 वर्ष पुरानी सब्सिडी उद्योगपतियों को देने से सरकाराें ने किनारा किए रखा जिन उद्योगपतियों ने सब्सिडी लेनी थी, उनमें से कई इस दुनिया से चले गए होंगे और कई उद्योगपतियों की तसरी पीढ़ी काम में पड़ गई होगी। यह राशि भी सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट द्वारा बकाया सब्सिडियां जारी करने की हिदायत करने के बाद देने का ऐलान किया गया है। उद्योगपतियों का कहना है कि पंजाब सरकार ने हमारे अपने पैसे देने से किनारा कर उनके साथ धोखा किया है।