स्कूलों में अंक आधारित सैक्शन बनाने गलत : हाईकोर्ट

चंडीगढ़, 28 फरवरी (सुरजीत सिंह सत्ती): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला देते हुए कहा है कि स्कूलों में अंकों के आधार पर विद्यार्थियों के सैक्शन बनाना गलत है। कहा कि इससे बच्चों में घृणा पेदा होगी। फरीदकोट के दशमेश पब्लिक स्कूल नामक स्कूल में ऐसी व्यवस्था बनाए जाने के विरोध में दायर याचिका का फैसला सुनाते हुए जस्टिस सुधीर मित्तल की बैंच ने कहा है कि स्कूलों में बच्चों को केवल शिक्षा ही नहीं दी जाती, बल्कि यहां बच्चाें का सर्वपक्षीय विकास होता है, लिहाज़ा अंकों के आधार पर भेदभाव वाला व्यवहार गलत है। एक छात्रा की मां ने याचिका दायर कर हाईकोर्ट का ध्यान दिलाया था कि उक्त स्कूल में 6वीं से ऊपर वाली कक्षाओं में अंकों के आधार पर सैक्शन बनाए गए हैं और अधिक अंकों वाले विद्यार्थियों के सैक्शन के लिए अध्यापक भी विशेष तवज्जो देते हैं। कहा कि इसके विरुद्ध कई अथारिटीयों सहित पंजाब राज्य बाल अधिकार रक्षा आयोग में शिकायत की गई थी जिस पर आयोग ने स्कूल को अंकों के आधार पर  सैक्शन खत्म करने की हिदायत की थी और साथ ही फरीदकोट के ज़िलाधीश को आयोग के आदेश का पालन करवाने के लिए कहा था। कहा कि इस आदेश के विरुद्ध स्कूल ने आयोग के पास पुन: विचार याचिका दायर करते हुए कहा था कि शैक्षणिक सत्र आधा गीत चुका है और पूरा साल मुकम्मल होने पर अंक आधारित सैक्शन की व्यवस्था खत्म कर दी जाएगी, जिसे आयोग ने मान लिया था। कमिशन द्वारा अपने फैसले पर पुन: विचार करने को छात्रा की मां ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर हाईकोर्ट ने कहा है कि आयोग द्वारा पहला आदेश सही है परंतु आयोग अपने फैसले पर पुर्नविचार नहीं कर सकता। कहा है कि सरकार व इसके अन्य संस्थान व्यवस्था बनाने के लिए आदेश जारी कर सकते हैं, लिहाज़ा उक्त स्कूल में अंक आधारित सैक्शन व्यवस्था खत्म करने का फैसला सही है और आगामी शैक्षणिक सत्र से यह व्यवस्था खत्म की जानी चाहिए।