‘लोक उम्मीदों के विपरीत व दिशाहीन है बजट’

जालन्धर, 28 फरवरी (जसपाल सिंह) : वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल द्वारा पेश किए गए बजट पर सत्ताधारी पार्टी को छोड़कर समाज के विभिन्न वर्गों से संबंधित प्रमुख शख्सियतों ने तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की है। राजनीतिज्ञों के अलावा किसानों व बुद्धिजीवियों ने भी बजट को निराश करने वाला करार देते हुए इस बजट को लोगों की आंखों में धूल झोंकने वाला व महज़ आंकड़ों का खेल करार दिया है। बजट पर ‘अजीत समाचार’ के साथ अपने विचार साझा करते हुए अधिकतर नेताओं ने बजट को लोक उम्मीदों के विपरीत व दिशाहीन करार दिया है। 
बजट लोगों के साथ धोखा : परमिंदर सिंह ढींडसा
पूर्व वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा ने बजट को लोगों के साथ धोखा करार देते हुए इसे एक झूठा व प्रोपोगंडा दस्तावेज़ करार दिया है। उन्होंने कहा कि बजट में प्रदेश की वास्तविक सच्चाई को छुपाने व आंकड़ों के साथ अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों के मुकाबले यदि पिछले 3 वर्षों के आंकड़ों पर नज़र डाली जाए तो इन तीनों वर्षों दौरान प्रदेश की विकास दर सबसे कम रही है। उन्होंने इसे आर्थिक मंदहाली की निशानी बताते हुए कहा कि सरकार द्वारा किए गए वादे पूरे नहीं किए गए। किसानों, मज़दूरों व बेरोज़गारों सहित हर वर्ग को बजट ने निराश किया है। 
पंजाबी जुबान व सभ्याचार के लिए राशि की व्यवस्था होनी चाहिए : सतनाम सिंह माणक
पंजाब जागृति मंच के अध्यक्ष सतनाम सिंह माणक ने कहा कि पंजाब कला परिषद्, भाषा विभाग, साहित्य अकादमी लुधियाना व केन्द्रीय लेखक सभाओं व अन्य भी जो संगठन बड़ी शिद्दत से पंजाबी जुबान के प्रचार व प्रसार के लिए काम कर रहे हैं, उनके लिए इस बजट में कोई राशि नहीं रखी गई, जिससे पंजाबी लेखकों, साहित्यकारों व कलाकारों को भारी निराशा हुई है। उन्होंने कहा कि पूर्व अकाली-भाजपा सरकार द्वारा पंजाब कला परिषद के लिए 1.50 करोड़ रुपए रखे गए थे और मौजूदा सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा भी सांस्कृतिक नीति बनाकर  उसको लागू करने के लिए डेढ़ करोड़ रुपए पंजाब कला परिषद को दिए गए थे परंतु इस बार बजट में कोई राशि नहीं रखी गई। इसी तरह पिछले कई वर्षों से साहित्यकारों को शिरोमणि अवार्ड देने के लिए भी भाषा विभाग को फंड नहीं दिए जा रहे। उन्होंने कहा कि बजट को अंतरिम तौर पर सदन से पास करवाने से पहले वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को पंजाबी संस्कृति के सरोकारों के लिए उचित राशि की व्यवस्था करनी चाहिए।
मज़दूर समाज को नज़रअंदाज़ किया : मंगत राम पासला
भारतीय इन्कलाबी मार्क्सवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता कामरेड मंगत राम पासला ने बजट को पूरी तरह दिशाहीन व लोक उम्मीदों के विपरीत करार देते हुए कहा कि बजट में औद्योगिक व खेती मज़दूरों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए कुछ नहीं किया गया। नौजवानों को रोज़गार मुहैया करवाने के लिए भी बजट में कोई खास योजना नज़र नहीं आई। किसानों व भूमिहीन किसान-मज़दूरों की कज़र् माफी के लिए किए प्रबंध पर्याप्त नहीं हैं। स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए भी बजट में केई योजना नहीं है।
किसान विरोधी है बजट : बलबीर सिंह राजेवाल
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने बजट को किसान विरोधी व महज आंकड़ों की खेल बताते हुए किसानों व आम लोगों की आंखों में धूल झोंकने वाला करार दिया है। उन्होंने कहा कि बजट में कुछ भी नया नहीं है और बस आंकड़ों को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि बजट में किसानों के कज़र् माफी के लिए रखी गई राशि किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने वाली है, जबकि किसानों के सिर 90 हज़ार करोड़ रुपए के कज़र् के अलावा आढ़तियों का भी 35 हज़ार करोड़ रुपए कज़र् है। इसी तरह कृषि व सहायक  धंधों के लिए रखे गए 12526 करोड़ रुपए भी सरकार  द्वारा अन्य कार्यों पर खर्च किए जाएंगे। पराली न जलाने वालों के लिए सुप्रीम कोर्ट के कहने पर सरकार द्वारा 200 करोड़ रुपए देने का वादा किया गया था परंतु उसमें से 19 करोड़ रुपए ही जारी किए गए हैं और बाकी की राशि बारे बजट चुप है। उन्होंने कहा कि जब केन्द्र सरकार गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य से भाग रही है तो ऐसे में बजट में आने वाले संकट के लिए कोई योजना तैयार नहीं की गई। इसी तरह उन्होंने सब्ज़ियों व फलों पर मार्किट फीस घटाए जाने को गैरवाजिब बताते हुए कहा कि इससे किसानों का कोई फायदा नहीं होने वाला।