81 प्रतिशत नियोक्ताओं की राय- नई कर व्यवस्था उनके कर्मचारियों के लिए फायदे वाली नहीं


मुंबई, 3 मार्च (भाषा) : विभिन्न कम्पनियों के ज्यादातर मानव संसाधन (एचआर) और वित्त पेशेवरों का मानना है कि नयी वैकल्पिक आयकर व्यवस्था उनके कर्मचारियों के लिए फायदे वाली नहीं है। एचआर विशेषज्ञता क्षेत्र की कंपनी मर्सर के सर्वे में 81 प्रतिशत पेशेवरों ने नयी आयकर व्यवस्था को अपने कर्मचारियों के लिए अनुकूल नहीं माना। सरकार ने बजट 2020-21 में सभी मौजूदा कटौतियों और मुक्तताओं को छोड़ने के वाले करदाताओं के लिए नई कर स्लैब की पेशकश की है। मर्सर ने 119 कंपनियों में यह सर्वे किया। इनमें से 81 प्रतिशत ने कहा कि इस नई कर व्यवस्था से उनके कर्मचारियों को फायदा नहीं होगा। करीब 60 प्रतिशत कंपनियों ने कहा कि 5-10 लाख ओर 10-25 लाख की वार्षिक आय वाले लोग इस नई कर व्यवस्था से प्रभावित होंगे। वहीं 80 प्रतिशत नियोक्ताओं ने कहा कि इससे उनके कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के लिए बचत की प्रवृत्ति पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। उन्होंने यह भी आशंका जाहिर की कि इससे कर्मचारी अपने नियोक्ताओं से स्वैच्छिक लाभ लेने से हिचकिचाएंगे। वहीं ऊंची आय वाले निवेश के अन्य विकल्पों की ओर रुख करेंगे।