राज्य के 2 लाख के करीब टैट उम्मीदवार नतीजा न आने के कारण पद भरने से वंचित 

पटियाला, 6 मार्च (अ.स.): शिक्षा विभाग के द्वारा ली टैट की परीक्षा हमेशा ही गले की हड्डी बनती रहती है। अच्छे भविष्य की आशा को लेकर हर बार लाखों उम्मीदवारों की तरफ से अध्यापक योग्यता टैस्ट (टैट) की परीक्षा दी जाती है परन्तु यह परीक्षा हर बार ही किसी न किसी कारण चर्चा का विषय बनती रही है। शिक्षा विभाग के एस.सी.आर.टी. विभाग की तरफ से जारी हिदायतों अनुसार टैट की परीक्षा वर्ष में 2 बारी लेने के हुक्म हैं परन्तु विभाग की तरफ से कई बार तो वर्ष  में एक बारी भी नहीं ली जाती। बताने योग्य है कि 2011 से चलती आ रही टैट की परीक्षा बहुत कम बार ही लगातार और निर्धारित समय पर करवाई गई है। इसकी ताज़ा उदाहरण 2017 में होने वाली परीक्षा 2018 में और 2018 में होने वाली परीक्षा को 2020 में लेना है। इस वर्ष 19 जनवरी 2020 को होने वाली परीक्षा में भी पौने 2 लाख के करीब परिक्षार्थियों ने अपनी किस्मत अज़माई थी। अध्यापकों के पदों पर अप्लाई करने में केवल 12 दिन बाकी हैं जबकि हज़ारों की संख्या में विद्यार्थी टैट की परीक्षा के नतीजों की बेसब्री के साथ इंतज़ार कर रहे हैं। एक तरफ तो शिक्षा विभाग की तरफ से काडर श्रेणियों के नाम नीचे अलग अलग विषयों के लिए 2182 पदों पर भर्ती निकालीं गई हैं। दूसरी तरफ इन पदों के लिए अप्लाई करने की तारीख़ 29 फरवरी से शुरू करके और 18 मार्च अंतिम तारीख़ रखी गई है। जिस कारण 2018 और 2019 में बी.एड्ड करने वाले इन पदों पर अप्लाई नहीं कर सकते क्योंकि विभाग की ढीली चाल कारण टैट की परीक्षा का परिणाम अभी तक विभाग की तरफ से निकाला नहीं गया। अब अध्यापकों पदों  के नियमों अनुसार अप्लाई करने वाला तब तक अप्लाई नहीं कर सकता जब तक उस का परिणाम जारी ना हुआ हो।