अब भ्रष्टाचारी बाबुओं को नहीं मिलेगा पासपोर्ट

नई दिल्ली, 6 मार्च (भाषा) : सरकार ने फैसला लिया है कि अगर किसी सरकारी कर्मचारी को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया है या फिर उसके खिलाफ मुकद्दमे को मंजूरी दे दी गई है, वह पासपोर्ट नहीं हासिल कर पाएगा। कार्मिक मंत्रालय ने केंद्रीय सर्तकता आयोग और विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर इस संबंध में लागू मौजूदा दिशा-निर्देशों की समीक्षा करने के बाद इस आशय का आदेश जारी किया है। कार्मिक मंत्रालय की ओर से सभी सरकारी विभागों के सचिवों को भेजे गये आदेश में कहा गया है कि ऐसे सरकारी बाबुओं को पासपोर्ट की मंजूरी के लिए सर्तकता अनापत्ति की जांच करना जरूरी है। आदेश के अनुसार यह तय किया गया है कि यदि अधिकारी निलंबित है या फिर किसी आपराधिक मामले में उसके खिलाफ जांच एजेंसी ने अदालत में आरोपपत्र दायर कर दिया है, ऐसी स्थिति में सतर्कता अनापत्ति रोकी जा सकती है। आदेश के मुताबिक सरकारी बाबुओं की पासपोर्ट प्राप्त करने के वास्ते सतर्कता अनापत्ति तब भी रोकी जा सकती है यदि सक्षम प्राधिकार ने भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम या किसी अन्य आपराधिक मामले में मुकद्दमा चलाने की मंजूरी दे दी हो या अदालत ने मामले का संज्ञान ले लिया हो। सभी विभागों से यह पता करने को कहा गया है कि क्या उनके यहां काम कर रहे सरकारी बाबुओं को भारतीय पासपोर्ट हासिल करने के मामले में पासपोर्ट अधिनियम, 1967 की धारा 6 (2) का प्रावधान इससे जुड़ा है या नहीं।