भारतीय महिलाओं की फैशन आइकॉन हैं बॉलीवुड की अभिनेत्रियां

पिछले कुछ सालों में सोशल मीडिया सूचनाओं और मनोरंजन का खजाना बन गया है। जाहिर है इसमें तमाम फैशन और नये ट्रेंड ही शामिल हैं। इसलिए आज आम हिंदुस्तानी महिलाओं का सबसे बड़ा फैशन एग्जिविशन सोशल मीडिया है। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि एक दशक पहले तक जब सोशल मीडिया अव्वल तो था नहीं, जो था भी वह बहुत कमजोर था, तब भारतीय महिलाओं की स्टाइल और फैशन यूनिवर्सिटी क्या थी? निश्चित रूप से ये भारतीय फिल्में थीं। हिंदुस्तान में पुरुष भले फिल्मों से बहुत कुछ उधार न लेते हों लेकिन ऐसी कोई फिल्म नहीं हो सकती, जिसमें महिलाएं अपने लिए नया फैशन और नया स्टाइल न ढूंढ़ती हों। इसे कतई अतिश्योक्ति नहीं कहा जा सकता कि सोशल मीडिया के पहले तक हिंदुस्तान में महिलाओं के फैशन का सबसे बड़ा जरिया फिल्में ही थीं। इस बात को हिंदी फिल्मों की हीरोइनें भी बहुत अच्छी तरह से जानती हैं। यही वजह है कि तमाम हीरोइनें फिल्मों की शूटिंग के दौरान तो अपने फैशन को लेकर कांशेस रहती ही हैं, वे शूटिंग के लिए किये जाने वाले रिहर्सल के दौरान भी अपने ड्रेस सेंस के लिए बहुत पर्टिकुलर होती हैं। कुछ हीरोइनें तो विशेषतौर  पर इसके लिए जानी जाती हैं, जिनमें करीना कपूर, आलिया भट्ट, दीपिका पादुकोण और सोनम कपूर भी शामिल हैं। हालांकि सोनम कपूर के हिस्से अब उतनी फिल्में नहीं हैं, लेकिन वह जिस भी फिल्म में आती हैं, फैशन का एक नया स्टाइल स्टेटमेंट लेकर आती हैं।करीना कपूर के बारे में तो खास तौर पर कहा जाता है कि वह रात में सोते समय भी अपने ड्रेस सेंस के लिए बहुत कांशेस हैं। जब वह सुबह जॉगिंग के लिए जाती हैं या देर रात किसी  पार्टी में जाती हैं, तब भी वह अपनी ड्रेस को लेकर सजग रहती हैं। वह अपनी एक भी तस्वीर नहीं चाहती जिसमें वह सुंदर न दिख रही हों। कई बार उनकी किसी शूटिंग में इसलिए भी देरी हो जाती है कि वे सीन के मुताबिक ही जिस ड्रेस को कैरी कर रहीं होती हैं, वह अगर उन्हें ग्लैमरस न दिखाए तो वे उसको पहनने के लिए आसानी से हां, नहीं करतीं। हिंदी फिल्मों की हीरोइनें जिस तरह अपनी बहुचर्चित फिल्मों के लिए याद की जाती हैं, इसी तरह करीब-करीब हर हीरोइन अपनी किसी फिल्म में पहनी गई सबसे खूबसूरत ड्रेस के लिए भी जानी जाती हैं। जैसे- माधुरी दीक्षित ने फिल्म ‘देवदास’ में 30 किलो का लहंगा पहना था और ‘रामलीला’ में दीपिका पादुकोण ने भी इतने ही किलो वजन वाले लहंगे को दोहराया था। दीपिका ने ‘पद्मावत’ फिल्म के घूमर गीत में अपनी लुक के लिए बहुत मेहनत की थी। माना जाता है कि उस गीत को फिल्माने में सबसे ज्यादा खर्चा उनकी और उनके साथ कोरस में डांस करने वाली लड़कियों की ड्रेस का ही था। करीना कपूर ने तो अपनी एक फिल्म ‘हीरोइन’ में 130 ड्रेस पहनी थीं, यह एक अनोखा रिकॉर्ड था जो शायद ही कभी टूटे। बॉलीवुड की हीरोइनें यानी हिंदी फिल्म की हीरोइनें खास तौर पर इसलिए अपनी ड्रेस सेंस को लेकर कांशेस नहीं रहतीं कि वह बहुत खूबसूरत दिखें बल्कि इसलिए भी ड्रेस को लेकर विशेष तौर पर ध्यान रखती हैं क्योंकि पूरे हिंदुस्तान में महिलाओं द्वारा हीरोइनों की ड्रेस और उनकी ड्रेस सेंस की नकल करने की कोशिश की जाती है। यही नहीं बॉलीवुड की हीरोइनों के फिल्मों की शूटिंग के लिए पहने गये ड्रेस बाद में नीलाम भी होते हैं। कई बार तो वे जितने में बनते हैं, उससे कई गुना ज्यादा पैसा उसे नीलामी में मिलता है। मसलन- फिल्म देवदास में माधुरी दीक्षित द्वारा पहना गया हरे रंग का लहंगा 62 लाख रुपये में बना था, लेकिन जब उसकी नीलामी हुई तो उसके लिए 3 करोड़ रुपये मिले। इसी तरह फिल्म बाहुबली-1 में उसकी हीरोइन अनुष्का शेट्टी द्वारा पहनी गई ड्रेस 4 करोड़ में बिकी थी। लेकिन इसे बेचने का अंतिम समय पर ख्याल रद्द कर दिया गया क्योंकि बाहुबली के निर्माता-निर्देशक ने यह तय किया कि बाहुबली का एक म्यूजियम बनाएंगे और उसमें ये तमाम चीजें रखी जाएंगी। कुल मिलाकर कहने की बात यह है कि भारत में फिल्मी हीरोइनों का सुंदर दिखना या लगना सिर्फ  फिल्मों तक सीमित नहीं रहता बल्कि वह इस अंदाज से भी फिल्मों में ड्रेस कैरी करती हैं कि फिल्में खत्म होने के बाद भी उनकी ड्रेस, उनका स्टाइल लोगों के बीच मौजूद रहे। हालांकि अब यह फिल्मों के हीरो के साथ भी लागू होने लगा है। लेकिन अभी भी आमतौर पर पुरुष फिल्मों के हीरो के ड्रेस को एक नजर से अच्छा लगने के लिए देखते तो हैं लेकिन जरूरी नहीं कि वे अपने व्यक्तिगत जीवन में उन्हें फालो करें। लेकिन हीरोइनों की इस मायने में स्थिति बिल्कुल अलग और खास है।

डी.जे. नंदन