महिला क्रिकेट की नयी सनसनी राधा यादव

ऑस्ट्रेलिया में खेले जा रहे आईसीसी महिला टी-20 विश्व कप के ग्रुप ए से भारत पहले ही सेमी फाइनल के लिए क्वालीफाई कर चुका था और श्रीलंका के विरुद्ध एक ग्रुप मैच शेष था, लेकिन इसके बावजूद भारतीय टीम कोई ढील देने के लिए तैयार न थी ताकि लय बरकरार रहे। हालांकि टी-20 विश्व चैंपियन बनने की चाहत पूरी टीम को ही है, लेकिन लेफ्ट-आर्म स्पिनर राधा यादव का तो बस यही सपना है। इसलिए वह गैर-जरूरी मैच में भी पूरी गंभीरता से मैदान में उतरीं और शानदार गेंदबाजी का प्रदर्शन करते हुए मात्र 23 रन देकर 4 विकेट लिए, जिसमें श्रीलंका की कप्तान चमारी अटापट्टू का कीमती विकेट भी था। बहरहाल, विश्व में गेंदबाजी में दूसरी रैंकिंग प्राप्त राधा यादव को सफ लता के शिखर पर पहुंचने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी है, आर्थिक तंगी से भी जबरदस्त संघर्ष करना पड़ा है। खैर, प्रफुल्ल नायक को आज भी वह दिन याद है, जब वह एक बिल्डिंग के कंपाउंड में अपनी भतीजी की प्रतीक्षा कर रहे थे कि उन्होंने एक छोटी-सी लड़की को लड़कों के साथ क्रिकेट खेलते हुए देखा। उस गली मैच में वह लड़की अचानक एक लड़के पर झपट पड़ी, उसे कॉलर से पकड़कर घसीटा क्योंकि वह अपना बैट छोड़ने को तैयार नहीं था। नायक को विश्वास हो गया कि इस लड़की में शानदार क्रिकेटर बनने के सारे गुण मौजूद हैं। वह लड़की राधा यादव थी। उन कंपाउंड मैचों में राधा को जुनून था और वह किसी से भी लोहा लेने के लिए तैयार थी। नायक स्वयं पूर्व स्थानीय क्रिकेटर हैं (उन्होंने रमाकांत आचरेकर से कोचिंग ली थी) और वह राधा के पिता से मिलने गये, जो पास की सड़क पर ही सब्जी बेचते थे (अब ग्रोसरी भी बेचने लगे हैं, दुकान भी पहले से बड़ी हो गई है)। आर्थिक रूप से अब राधा यादव का परिवार कुछ बेहतर स्थिति में है, हालांकि उन्हें बचपन में काफी तंगी का सामना करना पड़ा था, जिससे उनमें संघर्ष करने की काफी क्षमता आ गयी है। नायक बताते हैं, ‘मैं जान गया था कि उनके लिए यह खेल महंगा है, उनका बहुत छोटा-सा घर था, जिसमें राधा, उसके दो भाई व पैरेंट्स रहते थे। मेरी भतीजी भी क्रिकेट खेलती थी, मुझे लगा कि राधा एक दिन बड़ी क्रिकेटर बन सकती है। उसके पैरेंट्स को तैयार करने की जरूरत थी। मैंने उनसे कहा कि और कुछ नहीं तो रेलवे में एक दिन नौकरी लग जायेगी। उन्होंने हां कह दिया और अपनी बेटी की जिम्मेदारी मुझे सौंप दी।’ दिलचस्प यह है कि राधा स्पिनर नहीं बनना चाहती थीं। जब 11 वर्ष की आयु में उन्होंने खेलना शुरू किया तो वह मध्यम गति की तेज गेंदबाज थीं। नायक ने उनसे एक बार कहा कि वह छोटे रन-अप से गेंद करें तो उन्होंने स्पिन गेंदबाजी की। यह उन दिनों की बात है जब महिला क्रिकेट अपने पैर जमाने का प्रयास कर रही थी और प्रतियोगिताएं गिनती की हुआ करती थीं। अधिक प्रैक्टिस गेम्स के लिए क्लब अंडर-16 में मिक्स्ड टीम (लड़के व लड़की) खिलाया करते थे। ऐसे ही मैचों में राधा ने पृथ्वी शॉ (जो भारत के लिए खेलते हैं) व सरफ राज खान (जो मुंबई के लिए रणजी खेलते हैं) के विरुद्ध गेंदबाजी की थी। कांदिवली की राधा को अपनी लोकेलिटी के लड़कों के साथ क्रिकेट खेलना अच्छा लगता था। नायक के उनके जीवन में आने से उनका जीवन बदल गया। वह जल्द ही प्रोफेशनल क्रिकेट खेलने लगीं। वह मुंबई की टीम में थीं, लेकिन जब नायक ने अपनी बेस वडोदरा में बना ली तो राधा यादव भी उस शहर में शिफ्ट हो गईं। मुंबई के नुकसान से वडोदरा को लाभ हुआ और राधा यादव टीम बड़ोदा की कप्तान बन गईं। उन्होंने फरवरी 2018 में भारत के लिए अपना पहला टी-20 इंटरनेशनल खेला, और फि र उसके बाद से पीछे मुड़कर नहीं देखा है। राधा का बोलिंग एक्शन प्राकृतिक है, फि र भी नायक उस पर दूसरी राय लेना चाहते थे, इसलिए उन्होंने मोहिन्द्र अमरनाथ से सम्पर्क किया, जिन्होंने कहा, ‘टेंशन मत ले, लड़की आगे अच्छा करेगी।’ राधा स्पॉट बोलिंग करने लगी, उन्हें क्रीज का प्रयोग करना व गति में परिवर्तन करना सिखाया गया। वह बारिश में रबर की गेंद से खेलीं, जब गेंद को नियंत्रित करना कठिन होता है। हमारी महिला टीम में आज एक से बढ़कर एक खिलाड़ी है, जिससे टीम में जगह पाना बहुत कठिन हो गया है, कड़ी प्रतिस्पर्धा है। इस बारे में राधा यादव का कहना है, ‘आज हमारे पास बहुत शानदार क्रिकेटर हैं, जो संकट के समय टीम को उबारने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं। मैं इस समय अपने खेल का आनंद ले रही हूं, मुझे ज्यादा सोचना नहीं है बाकी चीजों के बारे में। मैं एक दिन ओडीआई में भी देश का प्रतिनिधित्व करना चाहूंगी, लेकिन फि लहाल मैं वर्तमान में रहना चाहती हूं। हरमनप्रीत कौर मेरी आदर्श हैं, उनके साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करके मैंने बहुत कुछ सीखा है। इस समय हमारा सपना भारत को टी-20 विश्व चैंपियन बनाना है। दो घंटे की जिम एक्सरसाइज और रोजाना दौड़ना मुझे फिट रहने में मदद करता है।’    

            -इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर 
               सारिम अन्ना