खाद्य तेलों में सुधार के बाद मौसम खराब होते ही नरमी

नई दिल्ली, 8 मार्च (एजेंसी): गत सप्ताह शुरूआती दौर में नीचे वाले भाव पर लोकल व चालानी मांग खाद्य तेलों में प्रतिर्स्धात्मक आ गयी, जिससे सरसों, सोया, बिनौला एवं चावल तेल में 150/200 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी आ गयी थी, लेकिन सप्ताह के उत्तरार्द्ध में उत्तर व मध्य भारत में तूफानी बरसात होने से खाद्य तेलों का व्यापार नगण्य रह गया। कोरोना वायरस का भी खौफ होने से तेलों की लोडिंग कमजोर पड़ने से बाजार दब गये।आलोच्य सप्ताह के शुरूआत में नीचे वाले भाव पर सरसों में तेल मिलों की चौतरफा लिवाली आ गयी, जिससे बाजार राजस्थान व एमपी की मंडियों में 75/100 रुपए नये-पुराने माल के बढ़ गये, लेकिन बाद में मौसम खराब होते ही नई सरसों की कदर घट गयी। वहीं बिकवाली के प्रेशर में बढ़े हुए भाव फिर से वापस लौट गये। यहां 4225 रुपए ऊपर में बिकने के बाद 4150 रुपए 42 प्रतिशत कंडीशन के भाव रह गये। तेल सरसों भी नये माल के दबाव में 200 रुपए गिरकर 8550 रुपए रह गया। इसके अलावा तेल सोया भी 200 रुपए बढ़कर ऊपर में 8700 रुपए बनने के बाद सप्ताहांत में 8600 रुपए बिकवाल आ गये। इंदौर व कांदला में भी देसी-विदेशी खाद्य तेलों के भाव नीचे आ गये। गौरतलब है कि सरसों का उत्पादन 88-90 लाख टन होने का अनुमान आ रहा है तथा चारों तरफ तैयार फसल बम्पर है। मौसम की खराबी से दो-ढाई प्रतिशत सरसों सीड की उपलब्धि में कमी आ सकती है।